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चार साल में सूख गए 16 लाख पौधे, जिम्मेदार मौन

इस वर्ष अतिवृष्टि के कारण पौधों के सूखने का फीसद दूसरे सालों की तुलना में ज्यादा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 12:39 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 12:39 AM (IST)
चार साल में सूख गए 16 लाख पौधे, जिम्मेदार मौन
चार साल में सूख गए 16 लाख पौधे, जिम्मेदार मौन

देवरिया: देखभाल के अभाव में पौधे सूख रहे हैं। चार साल में वन विभाग ने 7950190 पौधे लगाए, जिसमें करीब 16 लाख यानी 20 फीसद पौधे सूख गए। विभाग के आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे है कि चार वर्ष में सूखे पौधों को लगाने व सुरक्षा पर करीब 6 करोड़ 40 लाख रुपये खर्च हुए हैं। वहीं लोगों का कहना है कि यदि इसकी जांच करा दी जाए तो यह आंकड़ा बढ़ सकता है। जबतक पौधों को रोपने के बाद सुरक्षा प्रदान नहीं की जाएगी तब तक पर्यावरण संरक्षण की बात बेमानी साबित होगी।

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सामाजिक वानिकी वन प्रभाग के साथ ही अन्य विभागों के जरिए पौधे लगाए गए। रेलवे लाइन देवरिया-गोरखपुर, भटनी- सलेमपुर, सलेमपुर- बरहज के किनारे, भटनी- भाटपाररानी मार्ग, भरथुआ-भटनी मार्ग, बरहज-देवरिया मार्ग, देवरिया- रुद्रपुर आदि सड़कों के किनारे, ग्राम सभा व सार्वजनिक स्थानों पर वन विभाग ने पौधे रोपित किए। इसमें पौधों को बचाने में न तो ग्राम पंचायतें आगे आईं न ही विभाग। इस वर्ष अतिवृष्टि के कारण पौधों के सूखने का फीसद दूसरे सालों की तुलना में ज्यादा रहा है।

कृषि मंत्री व सांसद के लगाए 12 हजार से अधिक पौधे सूखे

9 अगस्त 2019 को समारोह आयोजित कर तरकुलवा विकास खंड के सिरवनिया गांधी उपवन में पौधारोपण महाकुंभ का आयोजन कर 12 हजार से अधिक पौधे लगाए गए। यहां कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, राज्यमंत्री जय प्रकाश निषाद, सांसद रविन्द्र कुशवाहा, सांसद कमलेश पासवान, सांसद डा. रमापति राम त्रिपाठी के अलावा सभी विधायकों व डीएम अमित किशोर, सीडीओ की मौजूदगी में पौधे लगाए गए। यहां 60 प्रतिशत पौधे देखभाल के अभाव में सूख गए हैं।

एक पौधे पर खर्च होते हैं 40 से 50 रुपये

एक पौधे के लगाने व उसके दो साल अनुरक्षण पर 40 से 50 रुपये खर्च होते हैं। लेकिन धन खर्च होने के बाद भी पौधों को बचाना विभाग के लिए चुनौती है। अनुरक्षण के लिए वन विभाग के कर्मचारियों के अलावा रखवालों की तैनाती की जाती है। सूखे पौधों की जगह दोबारा पौधों को लगाने की जिम्मेदारी विभाग की है लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। एक बार पौधारोपण अभियान समाप्त होने के बाद विभाग अगले वर्ष के पौधारोपण की तैयारी में जुट जाता है।

प्रति वर्ष जितने पौधे रोपे जाते हैं, उसमें 20 फीसद से अधिक नष्ट हो जाते हैं। इनके स्थान पर दोबारा पौधे लगाए जाते हैं। पौधों को बचाने में आम लोगों की सहभागिता होनी चाहिए। फिर भी जिले में हरियाली लाने का पूरा प्रयास जारी है। इस वर्ष अतिवृष्टि के कारण पौधों को काफी नुकसान पहुंचा है।

दीनानाथ राय, प्रभागीय वनाधिकारी, देवरिया


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