जब भी सरहद ने याद किया, ऐ अमर तिरंगे एक हैं हम
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : रविवार रात कर्वी मुख्यालय में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से आयो
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : रविवार रात कर्वी मुख्यालय में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से आयोजित काव्यांजलि में कवियों ने अटल जी को श्रद्धांजलि दी। काव्य रूप में उनके संस्मरण सुनाए और ओज गीतों से सभी के अंदर जोश भरा। देर रात तक श्रोता डटे रहे।
बस अड्डा के सामने श्रंगार पैलेस में काव्यांजलि की शुरुआत स्व. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र पर पुष्पांजलि से हुई। लखनऊ से आईं ओज की कवियत्री कविता तिवारी ने 'धर्म युद्ध के लिए हमेशा शस्त्र उठाना पड़ता है, देवी अथवा देवों को धरती पर आना पड़ता है' से श्रोताओं में देश भक्ति का संचार किया। कानपुर के मुकेश श्रीवास्तव ने Þआखर-आखर हैं जुदा-जुदा, पर पथ्य प्रवर्तित लेख हैं हम, जब भी सरहद ने याद किया, ऐ अमर तिरंगे एक हैं कम से तालियां बजाने को मजबूर किया। लखनऊ के कवि सर्वेश अस्थाना ने मंच संचालन संग किसी नेता की गिरगिट से तुलना करना महापाप है, क्योंकि रंग बदलने मे नेता गिरगिट के भी बाप हैं रचना सुनाई। इटावा के डॉ राजीव राज, नोएडा के अमित शर्मा, विभा ¨सह मीरजापुर व इलाहाबाद के अखिलेश द्विवेदी ने भी रचनाएं पढ़ीं। इससे पहले ¨हदी राजभाषा सलाहकार समिति के सदस्य व आयोजक रमेश अवस्थी, चित्रकूट सदर विधायक भाजपा जिलाध्यक्ष संयोजक चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय ने कवियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। दोनों वक्ताओं ने कहा कि कवि सम्मेलनों से ¨हदी को बढ़ावा मिलेगा। अटल जी को भाजपा ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में काव्यांजलि के माध्यम से श्रद्धांजलि दी है। सह संयोजक चंद्र प्रकाश खरे, पंकज अग्रवाल, राजीव त्रिपाठी, राम सागर चतुर्वेदी, आनंद, अश्वनी अवस्थी, दिनेश ¨सह, युधिष्ठिर ¨सह, भोला नाथ गुप्ता, जय विजय ¨सह, आलोक द्विवेदी, राजेश कनौजिया, संतोष मिश्रा और बुआ राम शुक्ला समेत अन्य रहे।