मठ-मंदिर रहे सूने, घर से आनलाइन गुरु पूजन
जागरण संवाददाता चित्रकूट महर्षि अत्रि अगस्त्य शरभंग वाल्मीकि आश्रमों के साथ तपोभूमि के मठ
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : महर्षि अत्रि, अगस्त्य, शरभंग, वाल्मीकि आश्रमों के साथ तपोभूमि के मठ-मंदिरों में रविवार को गुरु पूर्णिमा पर माहौल फीका रहा। भारी भीड़ की जगह गुरु आनलाइन वीडियो कॉलिग कर शिष्यों को आशीर्वाद देते नजर आए। कुछ संख्या में शिष्यों ने पहुंचकर गुरु दर्शन किए। कोरोना संक्रमण के खतरे को लेकर वर्षों के अंतराल में पहली बार ऐसी स्थिति रही। देश-दुनिया के कोने-कोने से प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में आने वाले शिष्यों की संख्या सैकड़ों तक बमुश्किल पहुंच सकी।
वीडियो कांफ्रेंसिग व मोबाइल पर बात बनी मददगार
चित्रकूट में करीब दो हजार मठ-मंदिर और आश्रम यूपी-एमपी की 84 कोस सीमा में हैं। लाखों की संख्या में शिष्य गुरु पूर्णिमा पर पहुंचते रहे हैं लेकिन इस साल स्थानीय शिष्य ही पहुंच सके। बाकी शिष्यों को अपने गुरुदेव का सानिध्य नहीं मिला। उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिग और फोन पर बातचीत से ही संतोष करना पड़ा। जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने तुलसी पीठ कांच मंदिर में स्थानीय शिष्यों से आमने-सामने रूबरू होकर आशीर्वाद दिया। शिष्यों ने उनकी पूजा की। इसके बाद वीडियो कांफ्रेंसिग से देश-दुनिया के शिष्यों को उन्होंने संबोधित किया। इसमें दिन भर में हजारों लोग जुड़े। चित्रकूट कामदगिरि प्रमुख द्वार के महंत जगद्गुरु स्वामी रामस्वरुपाचार्य जी महाराज, संत मदन गोपाल दास, नंद किशोर दास, निर्मोही अखाड़ा के महंत ओंकार दास, दिगंबर अखाड़ा भरत मंदिर के महंत दिव्य जीवन दास, निर्वाणी अखाड़ा के महंत सत्य प्रकाश दास, संतोषी अखाड़ा के महंत रामजी दास, भागवत पीठ के आचार्य नलवेश दीक्षित, रामायणी कुटी के महंत राम हृदय दास जी महाराज ने शिष्यों को मोबाइल पर वीडियो व आडियो कालिग कर आशीर्वाद दिया। धारकुंडी आश्रम में नहीं मिला किसी को प्रवेश
यूपी-एमपी सीमा में मानिकपुर तहसील से सटे पाठा क्षेत्र की सुरम्य वादियों के बीच स्थित धारकुंडी आश्रम में गुरु पूर्णिमा पर किसी को प्रवेश नहीं दिया गया। कोरोना संक्रमण के खतरे को लेकर 30 जुलाई तक आश्रम के पट बंद कर दिए गए हैं। रविवार को गेट पर गुरु पूर्णिमा में आने वाले श्रद्धालुओं को संदेश देने के लिए बैनर भी लगाया गया। इसमें संदेश लिखकर जानकारी दी गई।