समूह की महिलाएं कर रहीं मास्क की आपूर्ति
जागरण संवाददाता चित्रकूट कोरोना संक्रमण के इस दौर में हर कोई अपनी आजीविका बचाने की
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : कोरोना संक्रमण के इस दौर में हर कोई अपनी आजीविका बचाने की जद्दोजहद कर रहा है। इस बीच सुखद खबर यह है कि गांव की कुछ महिलाएं आपदा को अवसर में बदलकर मास्क बनाकर तरक्की का जरिया ढूढ़ रहीं हैं। समूह की महिलाएं घर में मास्क बनाकर बाजार में सस्ते दर पर बेच कर लोगों को संक्रमण से बचा रही हैं। करीब 35 समूह की महिलाओं खुद मास्क बनाने में जुटी हैं।
जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्र के महिलाओं का समूह बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया जाता है। इसके तहत जिले में करीब 4600 समूह का गठन किया गया है। इनमें सवा तीन सौ से अधिक महिला समूहों को सरकारी गल्ले की दुकान की जिम्मेदारी देकर आत्मनिर्भर बनाया गया है। 69 से अधिक समूहों की महिलाओं को शौचालयों की देखरेख और करीब 70 से अधिक सूमहों की महिलाओं को बिजली बिल वसूलने के काम में लगाया गया है। सैकड़ों महिला समूह में ट्रेनिग कर अपना खुद का व्यवसाय जैसे नमकीन बनाना, सिलाई, कढ़ाई व पेंटिग के व्यवसाय से जुड़ चुकी हैं। वर्तमान में कोरोना के पीक पर होने पर जिले की 35 समूहों की एक सौ से अधिक महिलाएं मास्क बनाकर बेचने में लगी हैं। जिला मिशन प्रबंधक रमाशंकर शर्मा ने बताया कि इन 35 समूहों की महिलाएं अब तक 15 हजार से अधिक मास्क की बिक्री कर चुकी हैं। कोरोना संक्रमण की वजह से यह बाजार में नहीं निकल पाने की वजह से अपने आसपास के गांव में ही बिक्री कर रही हैं। बाजार से सस्ता है समूह का मास्क
जिला मिशन प्रबंधक रमाशंकर शर्मा ने बताया कि बाजार में दो व तीन लेयर की मास्क के 20 रुपये से लेकर चार व पांच सौ रुपये तक लिए जा रहे हैं। समूह की महिलाओं द्वारा बनाए गए मास्क की कीमत 15 व 20 रुपये है। ये मास्क शुद्ध काटन के कपड़ों के बने होते हैं, जो लोगों के लिए आरामदायक भी होते हैं।