प्रधान बनाने का ख्वाब, फोटो दिखाने से गुरेज
हेमराज कश्यप चित्रकूट सरकार ने आधी आबादी को समाज में पुरुषों के बराबर खड़ा करने क
हेमराज कश्यप, चित्रकूट : सरकार ने आधी आबादी को समाज में पुरुषों के बराबर खड़ा करने के लिए आरक्षण की व्यवस्था की है लेकिन अभी महिलाओं का बाहर निकला पुरुष प्रधान समाज स्वीकार नहीं कर पा रहा है। उनके आरक्षण में भी पीछे दरवाजे खुद कब्जा किए है। सिर्फ नाम को उन्हें आगे किया जाता है और पूरी कमान घर के पुरुष अपने हाथ रखते हैं। यह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में महिला आरक्षित सीटों में अभी से देखा जा सकता है। ऐसी ही महिलाओं के मुखौटा वाली ग्राम पंचायत खंडेहा है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण सरकार ने दिया है लेकिन मऊ ब्लाक के खंडेहा में आरक्षण का महिला फायदा उठा नहीं पा रही हैं। इस सीट में तमाम ऐसी महिला उम्मीदवार हैं जो चुनाव तो लड़ रहीं हैं, लेकिन उनका सारा कामकाज प्रचार से लेकर जीतने के बाद तक उनके पति, जेठ, देवर, ससुर या कोई अन्य देखेगा हैं। इस सीट में एक प्रत्याशी पूर्व प्रधान भी है। पांच साल गांव की सरकार उनके पति ने संभाली और वह घर से बाहर नहीं निकली। अब फिर चुनाव मैदान में है। उनको जिताने के लिए पति देव फिर प्रचार में लगे हैं। एक प्रत्याशी उनसे बढ़कर है। शहर में रहने वाले इस महिला प्रत्याशी को उनके ससुर लड़ा रहे हैं। ससुर अपनी बहु को प्रधान तो बनाना चाहते है लेकिन फोटो तक किसी को नहीं दिखाना चाहते है। जो पंपलेट गांव में बंट रहे है उसमें नाम तो प्रत्याशी का लिखा है और फोटो ससुर ने अपनी खुद की लगाई है। एक बेटा अपनी बुजुर्ग मां को सीढ़ी बनाकर प्रधान बनने की जुगत में है। उसने अपनी बुजुर्ग मां को प्रत्याशी बनाया है। खुद घर-घर जाकर वोट मांग रहा है। मां को घर में बैठा रखा है।