दाल में तड़का लगाना होगा महंगा, बाजार पर असर
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जागरण संवाददाता, चित्रकूट : मार्च में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों का जो नुकसान हुआ है, उसका असर आमजन और बाजार दिखेगा। दलहनी व तिलहनी फसलों की बर्बादी से दाल महंगी होगी। गेहूं, चना, मसूर, अरहर, मटर, सरसों और अलसी की पैदावार भी घटेगी
मौसम की मार से जिले में 159 गांव सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। यहां सबसे अधिक अरहर की फसल 20,004 हेक्टेयर में बोई गई थी। इसमें 12,533 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है। सरसों की फसल 3878.9 हेक्टेयर क्षेत्रफल में खराब हुई है। किराना कारोबारी महेश प्रसाद उर्फ मट्टू साहू कहते हैं कि अरहर दाल अभी थोक में 70 से 80 रुपये किलोग्राम बिक रही है। फसल अच्छी होने से सस्ती होने की आस जगी थी, लेकिन ओलावृष्टि ने सब कुछ बिगाड़ दिया है। दरें थोक में सौ से 150 तक जा सकती हैं। सरसों के तेल के दाम भी जल्द ही बढ़ेंगे। पुरानी बाजार निवासी फल व्यापारी सलीम खां ने बताया कि ओला और अतिवृष्टि से आम को खासा नुकसान हुआ है। बौर झरने के कारण लोगों को मीठे आम का स्वाद लेने के लिए ऊंचे दाम चुकाने पड़ेंगे। जिले में फसलों पर एक नजर (आंकड़े हेक्टेयर में)
फसल आच्छादन नुकसान
अरहर 22004 12384
सरसों 27049 3878.9
मसूर 30628 2935.5
चना 43033 5www.9
गेहूं 42826 21813 ओला और अतिवृष्टि के कारण सभी तरह की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। इसका असर आने वाले समय में सीधे बाजार और आम आदमी पर पड़ेगा। किसान भी आर्थिक रूप से टूट गए हैं। उनकी मदद के लिए शासन तत्परता से काम कर रहा है।
-टीपी शाही, उपनिदेशक कृषि चित्रकूट।