चारपाई पर भाभी व फंदे से देवर का लटका मिला शव
जागरण संवाददाता चित्रकूट कर्वी कोतवाली अंतर्गत कसहाई गांव में देवर भाभी की संदिग्ध परिस्थि
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : कर्वी कोतवाली अंतर्गत कसहाई गांव में देवर भाभी की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। वे चार साल से लिव इन रिलेशन में रह रहे थे। मंगलवार को निर्माणाधीन आवास में भाभी का शव चारपाई पर मिलता और देवर फंदे से लटका पाया गया। आत्महत्या से जोड़ते हुए पुलिस इसकी जांच कर रही है।
कसहाई निवासी 36 वर्षीय सुखेंद्र वर्मा के बड़े भाई भुइयादीन उर्फ जगदेव की चार साल पहले टीबी की बीमारी से मौत हो गई थी। इसके बाद सुखेंद्र भाभी गिरजा के साथ रहने लगा था। मजदूरी कर मां बुधुलिया देवी और भाई के तीन बेटे की परवरिश करता था। सोमवार रात सभी लोग खाना खाकर सोने चले गए। मंगलवार की सुबह करीब नौ बजे मां बुधुलिया ने देखा कि बहू व बेटा नहीं उठे तो वह उनके कमरे में पहुंची। दोनों के शव देख उन्होंने शोर मचाया। एसपी धवल जायसवाल, सीओ सिटी शीतला प्रसाद पांडेय, कोतवाली प्रभारी वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी मौके पर पहुंचे। सीओ सिटी ने बताया कि देवर-भाभी पति-पत्नी के रूप में रहते थे। प्रथम ²ष्टया दोनों ने आत्महत्या की है। लोगों से जानकारी हुई है कि सुखेंद्र राजस्थान में ईट भट्टा में काम करता था और शराब पीने का आदी था। किसी से उसने काम के लिए एडवांस भी लिया था। जिसको लेकर अक्सर गिरजा से विवाद होता था। संभावना है कि सोमवार की रात भी दोनों में झगड़ा हुआ है जिसमें गिरजा ने जहर खा लिया। उसकी मौत के बाद सुखेंद्र ने भी फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। दोनों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर मौत का कारण स्पष्ट होगा।
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पांच बच्चों का अब दादी ही सहारा
गिरजा के पांच बच्चे है दो बेटी की शादी हो चुकी है। जबकि तीन बेटे है। बड़ा बेटा 17 वर्षीय दीपक पूना में मजदूरी करता है और दो बेटे अभी छोटे है। पिता का साया पहले ही उठ गया था। अब मां और चाचा भी नहीं रहा। सिर्फ दादी बुधुलिया का सहारा है। रस्सी काटने से आ गया था शव नीचे
सुखेंद्र ने नारियल की रस्सी से फंदा लगाकर खुदकुशी की थी। जब पुलिस पहुंची तो सुखेंद्र का शव कमर से नीचे जमीन पर था। जिसने भी देखा वह यहीं कह रहा था ऐसे कोई फांसी लगा नहीं सकता है। बाद में पता चला कि मां बुधुलिया ने जब बेटे को फंदे में लटका देखा तो आनन-फानन में रस्सी काटी थी। अधूरी रस्सी कटने से शव नीचे आ गया था।