बाघिन-शावक देख रेलकर्मियों की बंधी घिग्घी, भागे
संवाद सहयोगी, मानिकपुर (चित्रकूट) : मुंबई-हावड़ा रेलमार्ग पर सतना-मानिकपुर रेलखंड के बीच मझगवां व चित
संवाद सहयोगी, मानिकपुर (चित्रकूट) : मुंबई-हावड़ा रेलमार्ग पर सतना-मानिकपुर रेलखंड के बीच मझगवां व चितहरा के पास अब रेलकर्मियों की जान आफत में फंसी है। शनिवार देर रात तक काम करते समय डाउन ट्रैक पर बाघिन व शावक देख कर्मियों की घिग्घी बंध गई। टॉर्च की रोशनी में दूर से बाघिन दिखते ही दबे पांव कर्मियों ने भागकर जान बचाई।
चितहरा रेलवे स्टेशन से मझगवां की तरफ पेट्रोलिग के लिए निकले रेल कर्मी आशीष कुमार और नारायण गौतम करीब दो किमी आगे बढ़े। दोनों तरफ जंगल के बीच अचानक टॉर्च जलाने पर सामने डाउन ट्रैक पर बाघिन व उसके शावक खड़े दिखे। दोनों ने खुद को मौत के करीब पाकर बदहवास हो गए। चुपके से पीछे हटने के बाद भागकर स्टेशन मास्टर धर्मेंद्र कुमार के पास पहुंचे। पूरा वाकया बताया। इससे चितहरा रेलवे स्टेशन पर मौजूद कर्मियों में भी दहशत फैल गई। रेलवे स्टेशन मास्टर ने बताया कि अलर्ट जारी कर कर्मियों को सावधान किया गया है। वन विभाग और रेलवे के लिए बने चुनौती
सतना-मानिकपुर रेलखंड पर मझगवां से चितहरा के बीच जंगलों में अक्सर हिसक वन्य जीव ट्रैक पर पहुंच जाते हैं। इससे रेल कर्मियों को दिक्कतें हैं। रेल मंत्रालय तक को इसकी सूचना दी गई है। ट्रेन चालकों को फिर हॉर्न बजाते हुए धीमी गति से चलने के लिए कहा गया है। ढाई करोड़ का प्रस्ताव लंबित
सतना वन मंडल ने मध्यप्रदेश सरकार को दो साल पहले चितहरा से टिकरिया के बीच मुंबई-हावड़ा ट्रैक पर जंगली मार्ग के दोनों तरफ दीवार बनाने के लिए ढाई करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा था। इससे मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश के विध्य पर्वत श्रेणी के बीच से गुजरे रेलवे ट्रैक के अप व डाउन में दस फीट ऊंची दीवार बननी थी। अभी तक इसको हरी झंडी नहीं मिली है।