आरके पटेल और बाल कुमार ने बचाई साख, श्यामा चरण घर पर हारे
शिवा अवस्थी चित्रकूट बांदा-चित्रकूट संसदीय सीट पर चुनावी आंकड़ों ने बड़े-बड़े राजनीतिक
शिवा अवस्थी, चित्रकूट : बांदा-चित्रकूट संसदीय सीट पर चुनावी आंकड़ों ने बड़े-बड़े राजनीतिक विशेषज्ञों के आकलन ध्वस्त कर दिए। यहां एक्जिट पोल गठबंधन की जीत का दावा करते रहे जबकि स्थानीय स्तर पर कांग्रेस, भाजपा और सपा-बसपा गठबंधन के बीच त्रिकोणात्मक संघर्ष की चर्चाएं रहीं। हालांकि मतदाताओं की खामोशी ने मतगणना तक सभी को बेचैन रखा। मतगणना के बाद तीनों प्रमुख दलों के उम्मीदवारों के सामने चौंकाने वाले आंकड़े आए। गठबंधन उम्मीदवार अपने ही घर पर हार गए जबकि सांसद बने आरके सिंह पटेल और बाल कुमार पटेल साख बचाने में कामयाब रहे।
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श्यामाचरण के ऊंचाडीह में जीती भाजपा
गठबंधन के सपा प्रत्याशी श्यामा चरण गुप्ता का पैतृक गांव ऊंचाडीह है। मानिकपुर विधानसभा क्षेत्र में आने वाले इस गांव का बूथ संख्या 399 है। इस बूथ पर मिले मतों के आधार पर श्यामा चरण को यहां मात मिली। आंकड़ों के हिसाब से यहां पर पड़े कुल 617 मतों में श्यामा चरण को महज 239 मिले जबकि मोदी की सुनामी में भाजपा के आरके सिंह पटेल 309 मत झटक ले गए। इस बूथ पर कांग्रेस के बाल कुमार पटेल को सिर्फ 40 वोट पर ही संतोष करना पड़ा।
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देवकली में एकतरफा जीते बाल कुमार
कांग्रेस उम्मीदवार बाल कुमार पटेल ने अपने गांव देवकली में लाज बचा ली। जिले में सबसे अधिक वोट उन्हें चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के अपने घर देवकली बूथ 178 पर मिले। यहां पर कुल 1,055 मतदाताओं में से 667 ने अपने मत का इस्तेमाल किया। इसमें कांग्रेस को सर्वाधिक 455 मत मिले जबकि भाजपा को 99 और गठबंधन के पक्ष में 85 वोट ही पड़े। पैतृक गांव व मौजूदा निवास के बूथों पर जीते आरके पटेल
आरके सिंह पटेल चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र में स्थित अपने पैतृक गांव बालापुर खालसा और कर्वी के बल्दाऊगंज मोहल्ले में मौजूदा आवास वाले बूथों पर जीते। बालापुर खालसा में बूथ संख्या 185 में 828 मतदाता हैं। इसमें 582 लोगों ने वोट डाले। उनमें भाजपा को 367 मत मिले। कांग्रेस को 99 और गठबंधन को 62 वोटरों ने पसंद किया। वहीं, उनके आवास वाले संकुल भवन नया बाजार बूथ 389 में 603 मतदाताओं ने वोट डाले। इसमें भाजपा को 363, गठबंधन को 175 और कांग्रेस को 54 वोट मिले। नहीं चला ददुआ और डकैतों का फैक्टर
मानिकपुर विधानसभा क्षेत्र की दस्यु प्रभावित 110 ग्राम पंचायतों में जमकर वोटर बाहर निकले। 2017 के विधानसभा चुनाव में 84,988 के एवज में इस बार 94,703 वोट पड़े। इसके पीछे डकैतों का किसी तरह का फरमान नहीं आना वजह है। लोकसभा चुनाव से पहले इन इलाकों में 30 साल तक राज करने वाले दस्यु ददुआ के प्रभाव से कांग्रेस के पक्ष में बड़ी वोटिग के कयास राजनीतिक पंडित लगा रहे थे लेकिन वह मतगणना के बाद बेअसर दिखे। ददुआ के साथ डकैतों से जुड़ा कोई फैक्टर चुनाव में नहीं चल सका।