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वाल्मीकि जयंती पर मठ-मंदिरों में दीपदान के साथ रामायण पाठ

जागरण संवाददाता चित्रकूट प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में शनिवार की सुबह से रामनाम संकीर्तन व

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 10:26 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 10:26 PM (IST)
वाल्मीकि जयंती पर मठ-मंदिरों में दीपदान के साथ रामायण पाठ
वाल्मीकि जयंती पर मठ-मंदिरों में दीपदान के साथ रामायण पाठ

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में शनिवार की सुबह से रामनाम संकीर्तन व रामायण पाठ से गूंज रही है। महर्षि वाल्मीकि की जयंती लोग पूरी धर्मनगरी में धूमधाम से मनाई गई। पहली बार शासन भी इसमें सहभागी बना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को वाल्मीकि आश्रम लालापुर में महर्षि वाल्मीकि का पूजा अर्चना किया था और रामायण पाठ का शुभारंभ कर पूरे प्रदेश जयंती समारोह की शुरुआत की थी।

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गांव से लेकर शहर तक रामनाम की धूम रही। खास कर धर्मनगरी में सभी मठ, मंदिर और आश्रम में सुबह से ही घंटा घड़ियाल के साथ पूजा अर्चना का दौर शुरू हुआ तो शाम तक देखा गया। वाल्मीकि आश्रम समेत रामघाट स्थित भरत मंदिर, मत्यगेंद्रनाथ मंदिर में दीपदान किया गया। इस मौके पर महंत भरतदास, महंत दिव्यजीवनदास, महंत रामजन्मदास, महंत मोहितदास, पुजारी विपिन बिहारी तिवारी, प्रदीप तिवारी रहे। पहली बार वाल्मीकि जयंती में इतना उत्साह देखने को मिला। शासन की ओर से सभी जिलाधिकारी को पत्र जारी कर जयंती को भव्यता के साथ मनाने के निर्देश दिए गए थे। क्योंकि प्रधानमंत्री ने मन की बात में महापुरुषों की जयंती भव्यता से मनाने का आह्वान किया था।

जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि विश्व के आदि कवि हैं। विश्व प्रसिद्ध कालजयी कृति रामायण महाकाव्य की रचना श्रीराम के जीवन काल में की थी। उनकी जयंती जिले में भव्य रूप में मनाई जा रही है। एसडीएम तहसीलवार व बीडीओ समेत जिले के अधिकारियों को नोडल के रूप में लगाया गया है।


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