Move to Jagran APP

यहां सिर्फ महिलाओं का होता अल्ट्रासाउंड

????? ????????? ???????? ????? ???????? ????? ???? ??????? ??? ???????????? ???? ???? ??? ??? ???? ??????? ???? ?? ??? ?? ??? ?? ?? ?????? ?? ??? ???? ??? ??? ??? ????? ??????? ??????? ?? ???????????? ?????? ?????? ????? ?? ??? ?????????? ????? ?? ?????? ?? ??

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 06:25 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 06:04 AM (IST)
यहां सिर्फ महिलाओं का होता अल्ट्रासाउंड
यहां सिर्फ महिलाओं का होता अल्ट्रासाउंड

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : कर्वी मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन करीब तीन साल पहले स्थापित होने के बाद भी अभी तक आम मरीजों को लाभ नहीं मिल रहा है। सिर्फ गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रशिक्षित कर्मी की तैनाती की गई जबकि बाकी को बाहर भटकना पड़ता है। बाकी मरीजों के अल्ट्रासाउंड में रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने का बहाना बनाया जाता है। इससे बिना रेडियोलॉजिस्ट गर्भवती का अल्ट्रासाउंड होने से सवालिया निशान लगे हैं। तीन साल से बिना रेडियोलॉजिस्ट संचालन

loksabha election banner

तीन साल पहले मशीन लगने के बाद सभी मरीजों का अल्ट्रासाउंड जिला अस्पताल में होता था। दो साल पहले रेडियोलॉजिस्ट की अनिवार्यता कर दी गई। इसके बाद से किसी की तैनाती नहीं होने पर अल्ट्रासाउंड कक्ष में ताला पड़ गया। डॉ अब्दुल्ला को प्रशिक्षण देकर गर्भवती महिलाओं के लिए सुविधा मुहैया कराई गई पर अभी तक रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं हो पाई है। 2018 में बांदा से आए थे रेडियोलॉजिस्ट

मई 2018 में तत्कालीन डीएम विशाख जी ने शासन को अल्ट्रासाउंड कक्ष शुरू कराने के लिए शासन को पत्र लिखा था। इसके बाद स्वास्थ्य निदेशक ने बांदा के अपर निदेशक स्वास्थ्य को व्यवस्था कराने के निर्देश मिलने थे। उन्होंने बांदा जिला अस्पताल में तैनात रेडियोलॉजिस्ट को दो दिन चित्रकूट के संयुक्त जिला चिकित्सालय में बैठने के निर्देश दिए थे। आदेश का कुछ दिन पालन हुआ लेकिन फिर विराम लग गया। अब प्रशिक्षित चिकित्सक गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड सुविधा दे रहे हैं लेकिन बाकी का हाल बेहाल है। पीड़ित मरीज ने लिखी चिट्ठी

पुरानी बाजार निवासी मरीज राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने मामले की शिकायत शासन स्तर पर की है। उन्होंने बताया कि चित्रकूट अति पिछड़े जिलों में है। गरीब मरीजों के पास इतने रुपये नहीं होते हैं कि वह निजी चिकित्सक के पास अल्ट्रासाउंड करा सकें। इसलिए किसी रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती जरूरी है। इनका कहना है

जिले में कोई रेडियोलॉजिस्ट तैनात नहीं है। इससे सभी मरीजों का अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहा है। गर्भवती महिलाओं के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक डॉ अब्दुल्ला को जिम्मेदारी दी गई है। शासन को समस्या की जानकारी देकर जल्द रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती कराएंगे।

-डॉ आरके गुप्ता, सीएमएस जिला अस्पताल।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.