एनजीटी के निर्देश नहीं मान रहे क्रसर संचालक
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : एनजीटी के निर्देश देने के बाद भी क्रशर संचालक खुलकर निर्देशों
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : एनजीटी के निर्देश देने के बाद भी क्रशर संचालक खुलकर निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग में भरकूतप में संचालित होने वाले आधा सैकड़ा से अधिक क्रसर दिन- रात पर्यावरण एवं आसपास के क्षेत्र में जहर घोलने में लगे हैं। नतीजा आसपास एवं वहां से निकलने वाले लोगों का स्टोन क्रशरों से उड़ने वाली धूल बीमार कर रही है। यहां तक कि अब किसानों की फसल भी बर्बादी की कगार पर आ गई है। हालांकि पूर्व में प्रशासन की गठित टीम ने सर्वे कर 49 क्रसर को चि¨हति भी किया था जो पूरी तरह से मानकविहीन है और लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है लेकिन दुर्भाग्य है कि प्रदूषण को लेकर पूरे देश में हो हल्ला मचा है फिर भी अभी तक ऐसे क्रसर मालिकों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई है।
देखा जा रहा है कि ना तो स्टोन क्रशरों के चारों तरफ पर्याप्त ऊंची दीवारें है और ना ही टीन के कवर शेड। इतना ही नही स्प्रिंकलर से पानी का छिड़काव भी नहीं किया जाता है। हालात इस कदर रहते हैं कि क्रशरों के बगल से निकले एनएच में शाम को धूंध से वाहनों को बत्ती चलने के बाद भी कुछ नहीं दिखता है। आसपास के किसानों की फसलें भी बर्बाद होने की कगार पर आ गई हैं। फसलों के ऊपर इतनी धूल चढ़ गई है कि फसल पूरी तरह से मुरझाती जा रही है। धूल तो इतनी उड़ती है कि पूछा मत। सुबह- शाम सड़क से निकलना तक दूभर हो जाता है। वहीं क्रसरों की जांच करने वाले उप जिलाधिकारी सदर सत्यप्रकाश कहते है कि जो 49 क्रसर मानकविहीन पाए गए थे उनकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई थी। वहां से अपील भी आई थी उसका भी जबाव भेज दिया गया है अब इन क्रसरों का फैसला शासन को करना है। जैसे निर्देश शासन से आएंगे कार्रवाई की जाएगी।