उपकरण व मैनपॉवर की बाट जोह रहा खोह का एमसीएच विग
जागरण संवाददाता चित्रकूट जिला नीति आयोग के तहत चयनित है। इसके बावजूद स्वास्थ्य क्षेत्र में का
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : जिला नीति आयोग के तहत चयनित है। इसके बावजूद स्वास्थ्य क्षेत्र में काफी पिछड़ा है। इस पिछड़ेपन को दूर करने के लिए सरकार ने कर्वी के खोह में 200 शैया जच्चा-बच्चा अस्पताल की सौगात दी थी। करीब 70 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकार्पण भी कर दिया लेकिन अस्पताल महज कोविड अस्पताल बनकर रह गया है। मजबूरी में जिले की महिलाओं व नवजात का उपचार सयुंक्त जिला चिकित्सालय कराना पड़ रहा है। जो कई वर्ष से रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट व स्त्री रोग विशेषज्ञ के बिना चल रहा है। आए दिन यहां के गंभीर मरीजों को प्रयागराज, कानपुर, लखनऊ व अन्य हॉयर सेंटर रेफर कर दिया जाता है।
40 चिकित्सकों की होनी है तैनाती
एमसीएच विग में करीब साढ़े तीन सौ से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती होनी है। इसमें 40 चिकित्सकों होंगे है। वर्तमान में दस फार्मासिस्ट में से आठ की तैनाती कर दी गई है।अप्रैल के पहले सप्ताह में चिकित्सक व अन्य स्टॉफ के नियुक्ति होने की उम्मीद है।
कोरोना संक्रमितों का चल रहा इलाज
जिले में 11 मई को पहला कोरोना संक्रमित सामने आया। जिसको इलाज के लिए बांदा भेजा गया था। इसके बाद हर जिलों में बढ़ती संक्रमितों की संख्या पर शासन ने 200 शैया जच्चा बच्चा अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाने का निर्देश दिया था। बीते 15 जनवरी तक यहां मरीज भर्ती होते रहे हैं। वर्तमान में एक भी मरीज भर्ती नहीं है। खास बात
नाम - मातृ शिशु अस्पताल
लागत - 78 करोड़
हैंडओवर - दिसंबर 2019 इनको मिलेगी तैनाती
चिकित्सक - 40
स्टॉफ नर्स - 54
फार्मासिस्ट - 10
अन्य स्टाफ - 150
इनका कहना है
'एमसीएच विग बनकर तैयार है। उपकरण और मैन पॉवर उपलब्ध कराने के लिए शासन को पत्र भेजा जा चुका है। जिसकी अप्रैल तक स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। सीएमओ के अनुसार एमसीएच विग के चालू होने से जिला अस्पताल पर से बोझ कम हो जाएगा।' डॉ. विनोद कुमार यादव - सीएमओ