महंत प्रेमपुजारी दास सभी जीवों से करते थे अगाध प्यार
जागरण संवाददाता चित्रकूट श्री कामदगिरि प्रमुख द्वार के गोलोकवासी सिंहस्थ भूषण महंत प्रेमपुजार
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : श्री कामदगिरि प्रमुख द्वार के गोलोकवासी सिंहस्थ भूषण महंत प्रेमपुजारी दास का 111 वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। तपोभूमि में रामनाम संकीर्तन और गाजे बाजे के साथ शोभा यात्रा निकाली गई। साधु, संतों एवं शिष्यों ने सामूहिक कामदगिरि की परिक्रमा लगाई।
प्रमुख द्वार पीठाधीश्वर जगदगुरु स्वामी रामस्वरूपाचार्य महाराज ने बताया कि महंत प्रेम पुजारी दास का जन्म 14 जनवरी 1910 को हुआ था और वर्ष 1984 में वह ब्रह्मलीन हो गए थे। उनका आध्यात्मिक जीवन चित्रकूट के दीन दुखियों व निराश्रित की सेवा में बीता। उनका पूर्व नाम उमाशंकर मिश्र था। पीठ के प्रथम महंत पंचम दास ने प्रेम पुजारी दास नाम दिया था। क्योंकि उनका प्रेम सभी जीवों के लिए एक समान था। उन्होंने उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की। गौशाला, पाठशाला, औषधालय, भंडारा आदि संचालित कराए। संत मदन गोपालदास ने बताया कि महंत प्रेम पुजारी दास महाराज की जन्मभूमि उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में हुआ था। वर्ष 1952 में हैदरगढ़ क्षेत्र से विधायक थे। राजनीतिक जीवन से संन्यास लेकर चित्रकूट आए थे। कामदगिरि पीठ अखिल भारतीय निर्मोही अखाड़ा से जुड़ी है। इस मौके पर धर्मनगरी के समस्त मठ मंदिरों के साधु, संत समाज, रामानंदी संप्रदाय के समस्त भक्तगण की उपस्थिति रही।