चित्रकूट के जिला अस्पताल में झांसी के विशेषज्ञ करेंगे पुरुषों की नसबंदी
जागरण संवाददाता चित्रकूट सयुंक्त जिला चिकित्सालय सोनेपुर में गुरुवार को पुरुष नसबंदी शिविर
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : सयुंक्त जिला चिकित्सालय सोनेपुर में गुरुवार को पुरुष नसबंदी शिविर लगाया जाएगा। इसके लिए झांसी के विशेषज्ञ चिकित्सकों को बुलाया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने शिविर में अधिक से अधिक पुरुषों की नसबंदी कराने के लिए सभी सीएचसी प्रभारियों को विशेष निर्देश जारी किए हैं।
सीएमओ डॉ. विनोद कुमार यादव ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित हर माह के 21 तारीख को खुशहाल परिवार दिवस के उद्दश्यों की पूर्ति के लिए पुरुष नसबंदी पखवारा के अंतर्गत यह शिविर लगाया जा रहा है। तीन दिसंबर को होने वाले इस पुरुष नसबंदी (एनएसवी) शिविर के जरिए अधिक से अधिक पुरुषों का नसबंदी कराकर उन्हें लाभान्वित कराने की योजना है। नसबंदी कराने वाले हर व्यक्ति को तीन हजार प्रतिपूर्ति राशि के रूप में दिए जाते हैं।
शिविर में झांसी के पुरुष नसबंदी के विशेषज्ञ सर्जन डॉ. गोकुल प्रसाद पुरुष लाभार्थियों की नसबंदी करेंगे। परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल डॉ इम्तियाज अहमद ने बताया कि नसबंदी से पुरुषों में किसी तरह की कोई कमजोरी नहीं आती है। यह नसबंदी महज पांच से दस मिनट में हो जाती है।
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जागरूकता ही एड्स से बचने का प्रमुख शस्त्र
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर एड्स जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जहां लोगों को इस जानलेवा बीमारी के लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी दी गई।
प्रभारी क्षयरोग अधिकारी डॉ. लखन स्वरूप गर्ग ने सीतापुर पीएचसी में लोगों को जागरुक करते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति एचआइवी के संभावित संक्रमण में आता है तो वह एआरटी सेंटर पर जाकर पीईपी दवा की पहली डो•ा समय से लें। इससे एड्स के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। बताया जिले में पिछले वर्ष करीब 130 मरीज थे। इनमें से नौ लोगों को इस दवा के सेवन से एड्स के संभावित संक्रमण से बचाया गया है। व्यक्ति को इस बीमारी से लड़ने के लिए जागरुक होना जरुरी है। क्योंकि यह वायरस धीरे-धीरे व्यक्ति की संक्रमण से लड़ने की क्षमता कम कर देता हैं। जागरुकता ही एड्स से बचने का प्रमुख शस्त्र है लोगों को इस बीमारी से बचने के लिए जागरुक होना जरुरी है। प्रमुख लक्षण
बुखार आना, शाम के समय पसीना आना, ठंड लगना, थकान महसूस होना, उल्टी आना, गले में खराश रहना, दस्त होना, खांसी होना, सांस लेने में समस्या होना, मांसपेशियों में दर्द होना, शरीर पर चकत्ते पड़ना आदि। यह करने से बचें
एचआइवी संक्रमित व्यक्ति से शारीरिक सबंध बनाने से बचें, खून को चढ़ाने से पहले जांच लें। उपयोग इंजेक्शन और टीके दोबारा कतई न लगाएं। मां एचआइवी संक्रमित हो तो संस्थागत प्रसव ही कराएं।