जगद्गुरु रामभद्राचार्य का शिष्यों ने धूमधाम से मनाया जन्मोत्सव
जागरण संवाददाता चित्रकूट पद्मविभूषण तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : पद्मविभूषण तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य का जन्मोत्सव उनके शिष्यों ने शुक्रवार को धूम-धाम से मनाया। कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए उत्सव को सीमित लोग की शामिल हुए। तुलसीपीठ में चल रही राम कथा के बाद जगद्गुरु का 73 वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जन्मोत्सव में पूरे देश से आए हुए शिष्यों तथा परिजनों ने उत्साह के साथ भाग लिया। जगद्गुरु के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास ने उन्हें चांदी का मुकुट तथा रत्नों की माला पहनाई। युवराज के नेतृत्व में लालजी केवला प्रसाद त्रिपाठी, उमेश श्रीवास्तव, विवेक उपाध्याय, विपुल प्रकाश शुक्ल, मानस शुक्ल, विनय, गोविद, उत्सव, दीनानाथ दास, मदनमोहन दास, आ†जनेय दास, वैभव, विशंभर, डा मनोज पांडेय, हिमांशु त्रिपाठी, पूर्णेंदू तिवारी और रामजी पांडेय ने जगद्गुरु को 73 वें जन्मदिवस पर 73 किलो की फूलों की माला और 73 किलो का लड्डू बंटे। काशी हिदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो रमाकांत पांडेय ने जगद्गुरु से संबंधित अपना संस्मरण सुनाया। उन्होंने संस्कृत व्याकरण पर जगद्गुरु की जिज्ञाशा और उनके समाधान के दिलचस्प प्रसंगों का उल्लेख किया। किस प्रकार गुरुदेव रात्रि के 2-3 बजे भी जिज्ञाशा को शांत करने के लिए फोन मिला देते हैं। इसके साथ ही उन्होंने राघव सरकार और जगद्गुरु के साहचर्य से संबन्धित कहानियां भी लोगों को बताई। जगद्गुरु रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय के पूर्व रजिस्ट्रार प्रो.कामता प्रसाद तिवारी ने भी राघव परिवार को अपने संस्मरण सुनाए। कुलपति प्रो योगेश चंद्र दूबे, कुलसचिव आरपी मिश्र, लेखाधिकारी न्यायबन्धु गोयल, निर्मला वैष्णव, संगीत विभाग की प्रभारी ज्योति मिश्रा ने शास्त्रीय शैली में बधाई दी। आचार्य रामचन्द्र दास ने बताया कि किस प्रकार जगद्गुरु अपने पुत्रों कि तरह शिष्यों का ध्यान रखते हैं। उन्होंने कई जन्मों तक जगद्गुरु की सन्निधि में कार्य करने की कामना व्यक्त की। एक बधाई गीत प्रस्तुत किया।