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उत्कृष्ट विवेचना के लिए इंस्पेक्टर अरुण को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

जागरण संवाददाता चित्रकूट उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित किए जाने वालों में चित्रकूट के इंस्पेक्

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Aug 2021 06:29 PM (IST)Updated: Thu, 12 Aug 2021 06:29 PM (IST)
उत्कृष्ट विवेचना के लिए इंस्पेक्टर अरुण को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
उत्कृष्ट विवेचना के लिए इंस्पेक्टर अरुण को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित किए जाने वालों में चित्रकूट के इंस्पेक्टर अरूण कुमार पाठक का नाम भी शामिल है। उन्हें ये सम्मान केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से 2स्वतंत्रता दिवस पर दिया जाएगा। प्रदेश में सिर्फ दस पुलिस अधिकारियों को यह सम्मान मिला है जिसमें अरुण पाठक का नाम भी शामिल है। अरुण ने बताया कि चित्रकूट में महिला के ब्लाइंड हत्याकांड का राजफाश करने पर उन्हें ये पुरस्कार दिया गया है। वह मूल रूप से आजमगढ़ जनपद के सदर कोतवाली अंतर्गत पठखौली के रहने वाले हैं। उनकी चित्रकूट में चार साल से तैनाती है। उन्होंने बताया कि उनके पिता स्व. माता प्रसाद पाठक पुलिस विभाग में उप पुलिस अधीक्षक थे। मां राधिका देवी गृहणी हैं। उनके दो भाई हैं, वे और उनकी पत्नी भी सरकारी सेवा में हैं। संपन्न परिवार से तालुक रखने वाले अरुण पाठक वर्ष 1998 में पुलिस सेवा में उप निरीक्षक पद तैनात हुए थे। उनकी पहली तैनाती कौशांबी जनपद में एसपी के पीआरओ के रूप में हुई थी। वर्ष 2016 में इंस्पेक्टर बने। वर्ष 2017 में चित्रकूट में पोस्ट मिली और पहाड़ी थान के प्रभारी बने। इसके बाद वह रैपुरा और मऊ थाना में भी रहे। 15 अक्टूबर 2020 को कर्वी कोतवाली का चार्ज मिला। हालांकि वह इस कोतवाली में मात्र दो माह रहे।

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विवेचना का विशेष डिप्लोमा

इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमएससी (सांख्यिकी) व पीजीपीएम एंड आइआरकी डिग्री हासिल करने वाले अरुण पाठक ने विवेचना में भी विशेष डिप्लोमा किया था। सीडीटीएस हैदराबाद से साइंटिफिक इंन्वेस्टीगेशन लेवल-वन का डिप्लोमा किया है।

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बड़े मामले के एसआइटी में शामिल

महोबा के चर्चित दो मामले की विवेचना के लिए गठित एसआइटी में भी पाठक शामिल हैं। तत्कालीन महोबा पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार के विरुद्ध दर्ज मामले और इसी जिले में ब्लाक प्रमुख छत्रपाल सिंह के खिलाफ दर्ज मामले की विवेचना कर रहे है। जिसमें ब्लाक प्रमुख पर आरोप है कि उसकी प्रताणना से अधिवक्ता ने गोली मार ली थी।

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यह मिल चुके पुरस्कार

पाठक ने बताया कि विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार की ओर से 2005, 08 व 13 में राज पुरस्कार, मध्यप्रदेश सरकार की ओर से वर्ष 2009 में अनुसृजन सम्मान, तुरशनपाल पाठक विज्ञान लेखन पुरस्कार, प्रो लक्ष्मण प्रसाद समृति पुरस्कार व विज्ञान परिषद की ओर शताब्दी सम्मान मिल चुके हैं। 70 पुस्तकों का कर चुके लेखन

अरुण पाठक एक अच्छे लेखक हैं। उन्होंने लगभग 70 पुस्तकें लिखी हैं। पुलिस विभाग एवं उससे जुड़े कानून की 30 पुस्तक और पापुलर साइंस की 40 पुस्तकें हैं।


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