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हाई सिक्योरिटी जेल और सिस्टम का 'तंत्र' फेल

जागरण संवाददाता चित्रकूट हाई सिक्योरिटी जेल के अंदर गैंगवार की चल रही साजिश की थाह मा

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 10:57 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 10:57 PM (IST)
हाई सिक्योरिटी जेल और सिस्टम का 'तंत्र' फेल
हाई सिक्योरिटी जेल और सिस्टम का 'तंत्र' फेल

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : हाई सिक्योरिटी जेल के अंदर गैंगवार की चल रही साजिश की थाह मापने में शासन, स्थानीय प्रशासन, खुफिया के साथ ही जेल परिसर का पूरा तंत्र बुरी तरह से फेल साबित हुआ है। निरंतर मानीटरिग के बावजूद चूक हो ही गई।

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प्रदेश में अभी तक बुंदेलखंड की जेलों को सबसे अधिक सुरक्षित माना जाता था। 2017 से शुरू हुई चित्रकूट जेल खास सुरक्षा के नजरिए से ही बनाई गई है। हाई सिक्योरिटी बैरकों से लैस है। यहां दर्जनों बड़े डकैत और माफिया बंद हैं। इसके साथ ही बांदा, हमीरपुर और महोबा जेलों में भी प्रदेश के चुनिंदा अपराधी भेजे जाते हैं। शुक्रवार को हुई घटना से स्थानीय स्तर से लेकर शासन तक में बैठे हुक्मरानों की रणनीति फेल होने से सरकार के मंसूबों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। हाल ही में पंजाब से माफिया मुख्तार अंसारी को बांदा जेल लाने के बाद से बुंदेलखंड समेत सभी जेलों की सुरक्षा बढ़ाई गई थी। शासन स्तर से आनलाइन मानीटरिग के साथ ही सीसीटीवी कैमरे हैं। जिले के डीएम और एसपी रिपोर्ट लेते हैं। खुफिया विभाग नजर रखता है। जेल के अंदर खुद ही अफसरों से लेकर सुरक्षा कर्मियों की करीब सवा दो सौ के आसपास की फौज है। फिर भी पिस्टल और गोलियों का जखीरा अंदर पहुंच गया। दो कैदियों की हत्या हो गई। इससे पूरा तंत्र सवालों के घेरे में है।

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सिर्फ निलंबन से इतिश्री, कुछ और भी करना होगा

जेलों और दूसरी जगहों पर किसी भी घटना के बाद शासन-प्रशासन सिर्फ कुछ अफसरों के निलंबन से इतिश्री कर लेता है। ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए कुछ और सख्त कदम उठाने होंगे।

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ये उठ रहे सवाल

- जेल के अंदर 9 एमएम पिस्टल और कारतूसों का जखीरा कैसे पहुंचा?

- हाई सिक्योरिटी सेल में बंद कैदी को बिना निगरानी के कैसे छोड़ दिया गया?

- मुकीम क्वारंटाइन बैरक में था तो वहां अंशु कैसे पहुंच गया?

- जेल में मिलाई इन दिनों बंद है तो असलहा कैसे और कब मिला?

- क्या जेल प्रशासन की मिलीभगत से और शातिरों के पास भी असलहे हैं?

- डकैत राम गोपाल यादव गोप्पा के चिट्ठी बम फोड़ने में भी जेल प्रशासन हुआ था फेल?

- एक डिप्टी जेल पर ठीकरा फोड़कर कर ली गई थी इतिश्री?

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जेल की सुरक्षा की जिम्मेदारी जेल प्रशासन का काम है। जब कोई घटना होती है तो बुलावे पर पुलिस पहुंचती है। पुलिस का कोई तंत्र जेल में काम नहीं करता है।

- अंकित मित्तल, एसपी।

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सुरक्षा में चूक तो हुई है। जेल प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार है। तभी पांच लोगों को निलंबित कर दिया गया है। जांच पूरी होने पर आगे कार्रवाई होगी।

- शुभ्रांत कुमार शुक्ल, डीएम


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