गुलाबी गैंग की कमांडर संपत पाल ने काग्रेस के प्रत्याशी चयन पर उठाए सवाल
जागरण संवाददाता चित्रकूट लड़की हूं लड़ सकती हूं..नारे के साथ विधानसभा चुनाव मैदान में उतर
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : लड़की हूं लड़ सकती हूं..नारे के साथ विधानसभा चुनाव मैदान में उतरी काग्रेस में टिकट वितरण को लेकर गुलाबी गैंग कमाडर संपत पाल ने सवाल उठाया है। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी के टिकट पर मानिकपुर सीट से चुनाव लड़ चुकीं संपत ने पहले पार्टी छोड़ने की बात कही, लेकिन रविवार को उनके सुर बदले और कहा कि वह अभी इस्तीफा नहीं देंगी और पार्टी के लिए चुनाव प्रचार भी नहीं करेंगी। इससे पहले पार्टी की पोस्टर गर्ल प्रियंका मौर्य ने भी विरोध जताया था।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में काग्रेस ने संपत पाल को इस आधार पर मानिकपुर से प्रत्याशी बनाया था कि वह बुंदेलखंड में महिला अधिकारों की लड़ाई लड़ती हैं। संपत पाल को जीत नहीं मिली।
इस बार काग्रेस ने 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने की घोषणा की है। माखी दुष्कर्म काड पीड़िता की मा को उन्नाव से उम्मीदवार बनाकर संदेश देने का प्रयास भी किया गया है। इससे पहले प्रदेश महिला काग्रेस मध्य जोन की अध्यक्ष प्रियंका मौर्य ने शुक्रवार को पार्टी को महिला विरोधी बताया था। अब संपत पाल ने टिकट को लेकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं। संपत ने कहा है कि जो प्रत्याशी उपचुनाव में भाजपा के पक्ष में बिक गया था उसे टिकट दिया है। उन्हें वर्ष 2017 में पार्टी ने मानिकपुर सीट से टिकट दिया था। तब समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन था लेकिन, गठबंधन के लोगों ने विरोध किया था। उसके बाद भी उन्हें 42 हजार से अधिक वोट मिले थे। पार्टी ने वर्ष 2019 के मानिकपुर उपचुनाव में उनकी जगह पर रंजना बरातीलाल पाडेय को टिकट दिया। वह सिर्फ साढ़े सात हजार वोट में सिमट गईं। संपत का आरोप है कि रंजना को फिर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ाया, उसमें भी 17 सौ वोट मिले। ऐसे प्रत्याशी से पार्टी का भला होने वाला नहीं है। इसका वह विरोध मीडिया में करती रहेंगी। उन्होंने कहा कि सोनिया गाधी ने उनको पार्टी की सदस्यता दिलाई थी, वह कहेंगी तो इस्तीफा देंगी। जब तक सोनिया, राहुल या प्रियंका वाड्रा गाधी नहीं मिलते हैं तब तक शाति से घर में बैठेंगी और गुलाबी गैंग चलाएंगी। वह प्रचार में नहीं जाएंगी।
क्या है गुलाबी गैंग : बुंदेलखंड की ग्रामीण महिलाओं को जोड़कर संपत पाल ने गुलाबी गैंग नाम का संगठन बनाया था। वह इसकी कमाडर है और उनका संगठन महिलाओं की समस्याओं पर आवाज उठाता है। इस संगठन की सदस्य कई जिलों में हैं और सभी गुलाबी साड़ी पहनती हैं।