संतों की अपील पर भारी पड़ी आस्था
जागरण संवाददाता चित्रकूट पितृ मोक्षदायिनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी के रामघाट तट पर स्
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : पितृ मोक्षदायिनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी के रामघाट तट पर स्नान व पिंडदान किया। हालाकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन व संतों ने लोगों से चित्रकूट नहीं पहुंचने की अपील की थी। लेकिन आस्था के आगे उनकी अपील का भी कोई असर नहीं दिखाई दिया।
जिले में कोरोना मरीजों का आंकड़ा एक हजार के पार पहुंच गया है। जिला प्रशासन संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए अधिक भीड़ पर रोक लगाए। पितृ मोक्षदायिनी अमावस्या में भी अधिक भीड़ न जुटे इसके लिए संतों से अनुरोध किया गया था कि वह ऑडियो व वीडियो संदेश जारी कर लोगों से अपील करें कि चित्रकूट न आकर घर में ही भगवान कामतानाथ की पूजा और पितरों का तर्पण करें। साथ ही आसपास के जनपदों में जिलाधिकारी को पत्र भेजा था। उसके बाद भी बुधवार की शाम से ही धर्मनगरी में श्रद्धालुओं के चित्रकूट आने का सिलसिला शुरू हो गया था। श्रद्धालुओं ने रामघाट में स्नान के साथ पितरों का तर्पण किया और फिर भगवान कामतानाथ के दर्जन कर कामदगिरि की परिक्रमा लगाई। मंदिरों में भीड़ न हो इसके इंतजाम किए गए थे। हालांकि श्रद्धालुओं को रोकने के लिए प्रशासन ने बैरियर बनाए थे। पुलिस कर्मी तैनात थे। कई-कई किलोमीटर से चलकर आए श्रद्धालुओं की आस्था के आगे वह कुछ नहीं सक सकें। डीएम शेषमणि पांडेय ने बताया कि सेक्टर मजिस्ट्रेट व पुलिस को तैनात कर निर्देश दिए गए हैं कि किसी श्रद्धालु से अभद्रता ना की जाए जो भी आ रहे हैं उनको मंदाकिनी स्नान व परिक्रमा लगाने दिया जाए। नदी व जलाशयों में दी विदाई
रामघाट के अलावा तमाम लोगों ने मंदाकिनी के पुल घाट, सुंदरघाट में भी पितरों का तर्पण कर विदाई दी। राजापुर और मऊ में लोगों ने यमुना नदी, मानिकपुर में भरोसा बांध, वाल्मीकि नदी, ओहन बांध में तर्पण किया।