खाने के अनाज में न मिलाएं जहरीला पाउडर, नीम पत्ती व प्याज रखें
जागरण संवाददाता चित्रकूट तुलसी कृषि विज्ञान केंद्र गनीवां किसानों को फसलों के अधिक उत्पाद
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : तुलसी कृषि विज्ञान केंद्र गनीवां किसानों को फसलों के अधिक उत्पादन की नई-नई तकनीकि बताने के साथ भंडारण की भी टिप्प से रहा है। केंद्र की ओर से किसानों को बीज व अनाज भंडारण के लिए बखारी बांटी गई हैं।
केंद्र के प्रमुख डॉ चंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि किसान इस समय फसल की मड़ाई का कार्य पूर्ण कर चुके हैं । कोरोना वायरस के कारण यातायात बंद है एवं भीड़ भाड़ से दूर रहना है ,ऐसी स्थिति में उपज को सुरक्षित रखना व सुरक्षित भंडारण करना बहुत ही आवश्यक है। भंडारित अनाज व बीज में बहुत से कीट लगते है जिससे 15 से 20 प्रतिशत तक नुकसान हो जाता है। कभी कभी तो नुकसान 50 प्रतिशत से बहुत ज्यादा होता है। किसानों को सलाह दी कि खाने वाले अनाज में कभी भी जहरीला पाउडर न मिलाए। खाने वाले अनाज को नीम की सूखी पत्ती या प्याज में मिलाकर रखे। यदि कीड़े लगने की संभावना हो तब सल्फास पाउच या ईडीबी एंबुल रखे। किसान यदि कुछ टिप्प का पालन करे तो ऐसे नुकसान से बचा जा सकता है।
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इसके होता है नुकसान
- बीज व अनाज में नमी ज्यादा होना
- भंडारित पात्र जैसे बोरा, बोरी, बखारी, कुठला व कुठली में पहले कीट होना
-. नए व पुराने अनाज को एक साथ या पास-पास रखने ।
-. भंडारगृह के पास नमी होने।
- भंडार पात्र को सही से बंद नहीं किया जाने।
नुकसान से बचाने के लिए यह बरते सावधानी
- अनाज व बीज को दो दिन तक धूप में सुखाएं, शाम को छाया में रखकर ठंडा करके सुबह भंडारित करें।
- भंडारित पात्र को कीट रहित करे । बोरा व बोरी को गर्म पानी में 20 मिनट तक उबालकर धूप में अच्छी तरह सुखाएं। बखारी, कुठला को मैलाथियान 5 प्रतिशत का घोल बनाकर पुताई करके धूप में तीन से चार दिन तक रखे ।
- बोरा, बखारी, कुठला को जमीन की सतह से ऊंचा रखे। पात्र को दीवाल से दूर रखें।
- बखारी भरते समय सतह पर दो से तीन इंच भूसा की परत बिछाए व अंत में भी भूसा बिछाकर ढक्कन बंद कर गीली मिट्टी से एयर टाइट करें।