पांच किलोमीटर लगाते चक्कर, सड़क पर हो जाते प्रसव
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संवाद सूत्र, भौंरी (चित्रकूट) : आजादी के सात दशक बाद भी मानिकपुर तहसील की भौंरी ग्राम पंचायत के मजरा सिपाही का पुरवा में सड़क नहीं बन सकी है। ग्रामीण पगडंडी से गुजरते हैं। बारिश के मौसम में पांच किलोमीटर चक्कर लगाकर मुख्य रास्ते तक पहुंचते हैं। इससे अक्सर बीमारों के लिए चारपाई एंबुलेंस बनती है जबकि दर्द से कराहती प्रसूताओं का प्रसव सड़क पर हो जाता है। अफसरों की चौखट पर तमाम बार दस्तक देने के बाद भी सुधार नहीं हो सका है।
ग्राम पंचायत भौंरी के मजरा सिपाही पुरवा निवासी नत्थू, बैजू, भगत लाला, सुशील, राजा, गुलाब व सूरज ने बताया कि आजादी के बाद से गांव तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं बन सकी। बारिश व उसके बाद तीन से चार माह तक पांच किलोमीटर का चक्कर लगाकर ग्रामीण निकलते हैं। छात्र-छात्राओं को स्कूल तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार प्रसूताओं का प्रसव सड़क पर होने से ग्रामीणों में धीरे-धीरे नाराजगी बढ़ रही है। चारपाई पर बीमार को लेकर मुख्य सड़क तक लाते हैं तब एंबुलेंस मिल पाती है। कहा कि इसके बाद भी कभी किसी की निगाह नहीं पड़ी। ग्राम प्रधान व प्रशासन के खिलाफ गुस्सा दिखाई पड़ा। 700 की आबादी फंसी संकट में
सिपाही पुरवा गांव में ग्रामीण समस्याओं में घिरे हुए हैं लेकिन हर बार जनप्रतिनिधि व अफसर आश्वासन तक सीमित रहते हैं। करीब सात सौ लोगों को प्रतिदिन समस्या का सामना करना पड़ता है। गांव से भौंरी पहुंचने तक पांच किलोमीटर की पगडंडी खुद लोगों ने तैयार की है। इसमें साइकिल व बाइक तक नहीं निकल पाती है। इनका कहना है
ग्रामीणों की समस्या का निराकरण कराने के लिए एसडीएम मानिकपुर से रिपोर्ट मांगी जाएगी। सड़क निर्माण कराने की कोशिश की जाएगी।
-शेषमणि पांडेय, जिलाधिकारी चित्रकूट।