हिदुस्तान का सम्मान व गौरव है 'राम मंदिर' : चंपत राय
जागरण संवाददाता चित्रकूट विश्व हिदू परिषद (विहिप) के उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : विश्व हिदू परिषद (विहिप) के उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने रविवार को धर्मनगरी में संतों के साथ बैठक में अयोध्या में बन रहे 'राम मंदिर' को 'हिदुस्तान' का सम्मान व गौरव बताया। मंदिर निर्माण में कोई व्यवधान न आए इसलिए रामकाज करने वालों से भावनात्मक रूप से जुड़ने का आह्वान किया।
जनपद सीमा से सटे मध्यप्रदेश के चित्रकूट क्षेत्र में स्थित रामायण कुटी में रविवार को विहिप कानपुर प्रांत के धर्माचार्य संपर्क विभाग की चितन बैठक हुई। इसमें प्रभु श्रीराम की तपोभूमि के तमाम संतों-महंतों ने 'रामकाज कीन्हें बिना मोहि कहां विश्राम' चौपाई के साथ देश को 'हिदू राष्ट्र' बनने के नहीं रुकने और झुकने का संकल्प लिया। महासचिव राय ने अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए सरकार ने ट्रस्ट बनाया है लेकिन यह सरकार का नहीं है। उसमें चार अफसर है पर अपनी थोपते नहीं हैं। भविष्य में कोई थोपने वाला न आ जाए इसका चितन करना है।
अब शुरू होगा फर्श का काम
उन्होंने कहा कि मंदिर के नींव का काम पूरा हो गया है। वैज्ञानिक रूप से इतनी मजबूत है कि हजार साल तक कोई हिला नहीं सकता। जमीन के 50 फीट नीचे चट्टान की ढलाई की गई है। अब फर्श के ऊपर काम 6.50 मीटर का काम इसी माह के आखरी सप्ताह से शुरू होगा। जिसमें चार माह लगेंगे। दिसंबर 2023 तक मंदिर निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है।
बदनाम करने को लगाए गए आरोप
अपने ऊपर लगे आरोपों पर वह बोले कि ट्रस्ट व सत्ता को बदनाम के लिए आरोप लगाए गए। चुनाव के समय ऐसे अनर्गल आरोप लगते हैं। उन्होंने धर्मांतरण कानून, गो हत्या पर सरकार की सख्ती की तारीफ कर कहा कि किसी ने कुरान पढ़कर मतांतरण नहीं किया तो उन्हें तलवार के बल पर कराया गया था।
राजसत्ता का न हो व्यक्तिगत उपभोग
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ कर कहा कि योगी वैराग्यी हैं ऐसा साधु दुनिया में नहीं है। गोरखपुर का मठ कुबेर का घर है, जिसके वह मालिक है लेकिन आज भी वही अंचला (वस्त्र) पहनते है जो मुख्यमंत्री बनने के पहले पहनते थे। राजसत्ता का उपभोग व्यक्तिगत नहीं होना चाहिए। योगी सरकार में पारदर्शिता का स्तर बढ़ा है।
शास्त्र प्रवचन में चर्चा करें-वोट डालना कर्तव्य
संतों से आह्वान किया कि शास्त्र व प्रवचन में यह भी चर्चा करें कि लोकतंत्र में वोट डालना कर्तव्य है। हम धरती के पुत्र है हमें सोचना है कि इसकी व्यवस्था किसके हाथ में हो।
चित्रकूट में लिया संकल्प असफल नहीं होता
रामायणी कुटी के महंत रामहृदयदास ने कहा कि यह तो पहली झांकी है अभी दो संकल्प बाकी है जो यही सरकार पूरा करेगी। चित्रकूट में लिया गया संकल्प असफल नहीं होता। राम ने रामराज्य का संकल्प चित्रकूट में लिया था। देश जब तक हिदू राष्ट्र घोषित नहीं हो जाता। शांत नहीं बैठेंगे। जो भगवान के काम और सेवा में लगा है वही राज करेगा। इस मौके पर दिगंबर अखाड़ा के महंत दिव्यजीवनदास, कामदगिरि प्रमुख द्वार के अधिकारी मदनगोपाल दास, बड़े मठ महंत वरुण प्रपन्नाचार्य, जितेंद्रनानंद जी महाराज रहे।