मुख्यमंत्री जी, कब मिलेगा मुझे स्टाफ... मैं हो रहा वीरान
चित्रकूट प्रभु श्रीराम के वनवास काल
मुख्यमंत्री जी, कब मिलेगा मुझे स्टाफ... मैं हो रहा वीरान
मुख्यमंत्री ने नाम पाती ...
जासं, चित्रकूट : प्रभु श्रीराम के वनवास काल की साक्षी नगरी मैं चित्रकूट, आज आह्लादित हूं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आपने मुझे पर्यटन के क्षेत्र में नई उड़ाने भरने का मौका दिया। चित्रकूट एयरपोर्ट से हवाई सेवा और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे में वाहनों की रफ्तार भी कुछ दिन में देखने को मिलेगी। रामघाट में शाम को सैलानी गंगा आरती, लेजर शो और फसाड लाइट आदि देखकर भूल जाते हैं कि कब रात हो गई। रोजगार के लिए डिफेंस कारीडोर की भी नींव रख दी है। सौ एकड़ जमीन अधिग्रहित है उसमें फैक्ट्रियों के आकार लेने की जल्द उम्मीद है। इन सब के बाद भी मुझे एक बात का दुख है। मेरी 13 लाख आबादी आज भी अच्छी स्वास्थ्य सेवा के लिए तरस रही है। आपने पिछले कार्यकाल में खोह की पहाड़ी में बने खूबसूरत 200 शैय्या अस्पताल का अपने हाथों से शुभारंभ किया था। तो यहां के लोगों को उम्मीद जगी कि इलाज के लिए अब प्रयागराज व कानपुर महानगरों में दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। कोरोना के काल और वक्त के मार ने उम्मीद पर पानी फेर दिया। आज भी मेरा खूबसूरत अस्पताल वीरान पड़ा है। दीवारें आपस में बातें करती है यहां पर कब डाक्टर, फार्मासिस्ट व नर्सें आएंगी। मरीजों की चीख पुकार और लोगों को शोर गूंजेगा। यह अस्पताल संचालित हो जाता तो मैं मेडिकल कालेज की आस करती। उसके लिए भी कई बार जमीन देखी गई। मुझे उम्मीद है कि आज आप मेरी धरती में हरिशंकरी पौधा लगाकर, जिस प्रकार पूरे प्रदेश को हरियाली का संदेश देंगे। उसी प्रकार मेरी खुशहाली के लिए यहां की बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं करेंगे। मेरी गरीब आबादी का सबसे अधिक धन स्वास्थ्य सेवाओं में ही बरबाद होगा है।