किताबें बनीं साथी, मानस पढ़ सीख रहे आदर्श
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जागरण संवाददाता, चित्रकूट : कोरोना के संक्रमण से निपटने के लिए परिवार एकजुट हो गए हैं। घरों की दिनचर्या बदल गई है। पुराने काम काज करने के साथ ही किताबें सभी की भरोसेमंद बन रही हैं। कहीं राम चरित्र मानस पढ़कर आदर्शों की सीख स्वजन दे रहे हैं तो कहीं युवाओं की जुगलबंदी से घर के माहौल में लॉकडाउन के दौरान जोश अप दिखाई पड़ने लगा है।
कर्वी मुख्यालय की नई बाजार स्थित पीडी गुप्ता व उनकी शोभा गुप्ता के परिवार में कोरोना को लेकर घर पर रहने को कोई खास परेशानी नहीं दिखाई पड़ी। सुबह देवी आराधना के बाद राम चरित मानस का पाठ कर विश्व शांति की कामना की। बताया कि व्रत के कारण फलाहार, कुछ समय टीवी देखकर कट रहा है। साथ में 21 दिन के लिए आने वाले समय को सरल करने की प्रार्थना प्रभु से की जा रही है। बेटे शुभम पहारिया और बहू श्रुति गुप्ता ने दिन में करीब तीन घंटा सीख देने वाली किताबें पढ़ीं। इसमें धैर्य और संयम के साथ रहने के टिप्स समझे। स्वामी विवेकानंद के जीवन को पढ़ा। दोनों ने बताया कि कोरोना से जुड़े अपडेट भी लेते रहे।
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गांव में दादी-नानी की कहानियां
भौंरी : जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन को लेकर लोग सजग हैं। भौंरी ग्राम पंचायत में देव राज तिवारी के यहां घर पर दिनचर्या तय कर दी गई है। इसमें दादी-नानी की कहानियों को भी स्थान मिला है। खुद देवराज ने बुधवार को परिवार के सदस्य राम बाबू, भोले, शानू देवी, रानी देवी संग बैठकर समय बिताया।