पिता को दबा देखकर बिलखता रहा आयुष्मान
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : शिवरामपुर में टक्कर के बाद डंपर पलने से टेंपो के परखच्चे उ
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : शिवरामपुर में टक्कर के बाद डंपर पलने से टेंपो के परखच्चे उड़ने की वारदात को जिसने देखा उसके रोंगटे हो गए। लेकिन कहते हैं कि जाको राखे साइयां मार सके न कोय। ऐसा की कुछ इस हादसे में देखने को मिला। जहां शोभा ¨सह का पुरवा निवासी शिवा कांत ओझा डंपर व टेंपो के नीचे दब गए लेकिन उनका चार वर्षीय मासूम बेटा आयुष्मान उछलकर दूर जा गिरा। और उसकी जांच बच गई। हालाकि टेंपों में सवार गांव का पंद्रह वर्षीय भोला भी वहीं गिरा लेकिन चोटिल होने के कारण वह भी किसी की मदद नहीं कर सका।
------------------------
अपनों की एक झलक पाने की बेताबी जिला अस्पताल परिसर में जब शिवाकांत, आयुष्मान, भोले, तिलक, छोटू और रवि के परिजन पहुंचे तो उनमें बेताबी साफ दिखाई पड़ी। सभी अपनों का चेहरा एक बार देखने के लिए जिद करते रहे। छोटू, तिलक व रवि के परिजनों ने अस्पताल में खिड़की से झांक कर शव देखने की बार-बार कोशिश की। हालांकि शव बाहर निकालने के बाद ही वह लोग देख सके। इससे उनके अंदर नाराजगी भी दिखी। शव वाहन मिलने व पोस्टमार्टम में देरी पर नाराजगी
हादसा करीब 11 बजे सुबह हुआ। इसके बाद शवों को तत्काल जिला अस्पताल स्थित मर्चरी पहुंचा दिया गया। वहां से पोस्टमार्टम हाउस भेजने के लिए शव वाहन मंगाया गया लेकिन वह देरी से आया। इससे लोगों ने एंबुलेंस पर शव ले जाने की गुहार लगाई लेकिन अनसुनी कर दी गई। इससे ग्रामीणों में नाराजगी दिखी।
---------------------
बस एक बार चेहरा दिखा दो
जिला अस्पताल में मृतकों व घायलों के परिजनों की चीख-पुकार से हर आंख नम हो गई। रवि की मां चुनिया देवी बार-बार अपने बेटे का चेहरा दिखाने की गुजारिश करती रही। इसी तरह छोटू की मां चिरौंजी देवी भी घर-खेत बेच कर बेटे के इलाज कराने को लेकर चीखती रहीं। उनके दर्द से हर कोई रोने को मजबूर हो गया।