एम्स के डॉक्टरों ने पांच बच्चों का किया मेडिकल परीक्षण
जागरण संवाददाता चित्रकूट अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की टीम ने शुक्रवार को या
जागरण संवाददाता, चित्रकूट :
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की टीम ने शुक्रवार को यौन शोषण के शिकार सिर्फ पांच पीड़ितों का ही मेडिकल परीक्षण किया। कुछ और भी बच्चे थे, लेकिन जिस शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) कर्वी में टीम पीड़ितों का परीक्षण कर रही थी, उसे प्रशासन ने कोविड वैक्सीन का स्टोर बनाया है। इसलिए टीम को दो घंटे के लिए अस्पताल मिल सका था।
50 से अधिक बच्चों को यौन शोषण का शिकार बनाने वाले सिचाई विभाग के निलंबित अवर अभियंता (जेई) रामभवन को कड़ी सजा मिले, इसके लिए सीबीआइ कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाह रही। इसलिए एम्स की टीम लेकर सीबीआइ गुरुवार को चित्रकूट आई। पीड़ित बच्चों का फिजिकल व मानसिक परीक्षण कराया। पहले दिन डेढ़ दर्जन से अधिक छह से 14 साल के बच्चे, युवक और युवतियों (जिनका किशोरावस्था में यौन शोषण हुआ) की डॉक्टरों ने जांच की थी। शुक्रवार को केवल पांच बच्चों का मेडिकल परीक्षण हो सका। सीएमओ डॉ. विनोद कुमार यादव के मुताबिक टीम सुबह दस बजे आई और दो घंटे शहरी पीएचसी में रही। सीबीआइ गाड़ियों में बारी-बारी से पांच बच्चों को लाई और उनके अभिभावकों के सामने मेडिकल जांच की गई। दो दिन में दो दर्जन से अधिक बच्चों का परीक्षण सीबीआइ टीम करा चुकी है।
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कैंप कार्यालय में अभिभावकों ने उगले राज
बता दें,आरोपित जेई रामभवन और उसकी पत्नी दुर्गावती जेल में बंद है। जेई के जेल में जाने के बाद से ही पत्नी गवाहों और पीड़ितों को धमका रही थी। उसके भी जेल जाने के बाद अब अभिभावक खुलकर सीबीआइ को हकीकत बता रहे हैं। शुक्रवार को करीब एक दर्जन बच्चों के अभिभावकों के सीबीआइ ने बयान दर्ज किए। हमीरपुर भी जा सकती टीम
यौन शोषण के शिकार बच्चे चित्रकूट, बांदा और हमीरपुर के हैं। दस से 12 साल पहले शोषण का शिकार हुए बच्चे अब जवानी की दहलीज में कदम रख चुके हैं। एम्स के चिकित्सकों की टीम हमीरपुर भी जाएगी।