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गांव में 15 केस तो रैपिड रिस्पांस टीम घर-घर करेगी टेस्टिग

जागरण संवाददाता चित्रकूट जनपद में कोरोना संक्रमण को लेकर घर-घर किए गए सर्वे की समीक्ष्

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 07:27 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 07:27 PM (IST)
गांव में 15 केस तो रैपिड रिस्पांस टीम घर-घर करेगी टेस्टिग
गांव में 15 केस तो रैपिड रिस्पांस टीम घर-घर करेगी टेस्टिग

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : जनपद में कोरोना संक्रमण को लेकर घर-घर किए गए सर्वे की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने निगरानी समिति व रैपिड रिस्पांस टीम की और सक्रियता बढ़ाने पर बल दिया है। साथ ही गांव-गांव हुए दवा किट वितरण का स्थलीय निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। कहा कि 15 एक्टिव केस पर आरआरटी (रैपिड रिस्पांस टीम) गठित होनी चाहिए। टीमें घर-घर जाकर टेस्टिग कर व दवाओं का वितरण करें।

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जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने अधिकारियों से कहा कि कोविड बीमारी से संक्रमित मरीजों के घर- घर पहुंचकर स्वास्थ्य की जानकारी लें और कोविड-19 दवाई किट वितरण का सत्यापन करें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी अमित आसेरी से कहा कि ग्राम में तैनात निगरानी समिति को निर्देशित करें कि अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहकर डोर टू डोर सर्वें करेंगी। सर्वे के दौरान पाए जाने वाले कोरोना लक्षण युक्त व्यक्तियों के परिवार को कोविड दवाई किट वितरित करें। जनपद में कोरोना संक्रमण जिन क्षेत्रों में विशेष तौर बढ़ रहा है वहां रोकथाम, बचाव एवं उपचार के प्रबंध करें। सार्वजनिक स्थलों पर भीड़-भाड न होने दी जाए। मास्क लगाने, साबुन से हाथ धोए, सेनिटाइजर व दो गज की दूरी के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। संक्रमित मिलने पर तत्काल निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुरूप कंटेनमेंट जोन बनाए। बाहर से आने वालों की करें पहचान

डीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने निर्देश हैं निगरानी समिति गांव में बाहर से आने वालों पहचान करें। उसकी जांच कराई जाए। निगरानी समितियां गांव में सक्रिय रहकर अपनी भूमिका निभाएं। एसडीएम व बीडीओ देंगे प्रतिदिन रिपोर्ट

एसडीएम से कहा बीडीओ प्रतिदिन मॉनिटरिग करें और उसकी रिपोर्ट दें। साथ ज्यादा संक्रमित गांव वालों की बैठकर चर्चा करें। जिन संक्रमितों को दवा दी गई है उनकी पुन: टेस्ट हुई है या नहीं। दस से अधिक संक्रमित प्रत्येक ग्राम में विशेष ध्यान दिया जाए। एक्टिव व होम आइसोलेशन रोगियों की डाटा अलग-अलग तैयार की जाए। टीमों के पास पल्सऑक्सीमीटर, थर्मामीटर आदि यंत्र होने चाहिए। टेस्टिग का कार्य युद्ध स्तर पर हो

कंटेनमेंट जोन में लेखपाल की ड्यूटी लगाई जाए। सभी गांव मेंआइसोलेशन सेंटर बनाया जाए। टेस्टिग का कार्य युद्ध स्तर पर किया जाए। इस कार्य में ग्राम प्रधानों का भी सहयोग लिया जाए।


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