निकुंज लीला का मंचन देख दर्शक भावविभोर
रासलीला के पहले दिन निकुंज लीला का हुआ मंचन
जासं, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : मारवाड़ी युवा मंच की ओर से बुधवार से अग्रवाल सेवा संस्थान में आयोजित दस दिवसीय रासलीला के पहले दिन बरसाने से आए कलाकारों ने महारास व कथक नृत्य के माध्यम से निकुंज की लीला का मंचन किया। महारास में मयूर नृत्य व चक्र नृत्य की भी मनोरम प्रस्तुति की गई।
कथावाचक बाल व्यास प्रमोद के सानिध्य में मंचन किया गया। मंचन में एक बार भगवान श्रीकृष्ण के मन में आया कि आज गोपियों को अपना ऐश्वर्य दिखाना चाहिए। यह सोचकर जब भगवान निकुंज में बैठे थे और गोपियां उनसे मिलने आ रही थीं तब भगवान कृष्ण विष्णु के रूप चार भुजाएं प्रकट करके बैठ गए, जिनके चारों हाथों में शंख, चक्र, गदा, पद्म, था। गोपियां भगवान को ढूंढ़ती हुई एक निकुंज से दूसरे निकुंज में जा रही थीं तभी उस निकुंज में पहुंची जहां भगवान बैठे हुए थे। जब धीरे-धीरे पास आई और ध्यान से देखा तो कहने लगी यह हमारे कृष्ण नहीं है। इनकी सूरत तो कृष्ण की ही तरह है परंतु इनकी तो चार भुजाएं हैं, ये तो बैकुंठवासी विष्णु है। भगवान कृष्ण ने सोचा गोपियों ने तो कुछ कहा ही नहीं, अब राधा रानी के पास जाना चाहिए। भगवान ने देखा राधा रानी अकेले बैठी हुई हैं तो सोचने लगे राधा को अपना यह ऐश्वर्य दिखाता हूं। धीरे-धीरे उस ओर जाने लगे, परंतु जैसे-जैसे कृष्ण राधा रानी के पास जा रहे थे वैसे-वैसे उनकी एक के बाद एक चारों भुजाएं गायब होने लगी और विष्णु के स्वरूप से कृष्ण रूप में आ गए। आत्माराम तुलस्यान, आनंद तोदी, अजय जालान, मुरारी, विष्णुकांत अग्रवाल, मोहित अग्रवाल, मनोज कुमार आदि थे।