Move to Jagran APP

जंक्शन से 6.064 किलो स्वर्ण आभूषण संग दो भाई गिरफ्तार

जागरण संवाददाता पीडीडीयू नगर (चंदौली) जीआरपी व आरपीएफ की टीम ने सोमवार की सुबह स्था

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Jun 2021 04:43 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jun 2021 05:58 PM (IST)
जंक्शन से 6.064 किलो स्वर्ण आभूषण संग दो भाई गिरफ्तार
जंक्शन से 6.064 किलो स्वर्ण आभूषण संग दो भाई गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, पीडीडीयू नगर

loksabha election banner

(चंदौली) : जीआरपी व आरपीएफ की टीम ने सोमवार की सुबह स्थानीय जंक्शन से छह किलो 64 ग्राम सोना व आभूषण संग दो लोगों को गिरफ्तार किया। वे पश्चिम बंगाल में आभूषण बनाते है और सराफा व्यापारियों को बिक्री करते हैं। राजस्व चोरी की नीयत से वे सोने की सिल्ली व आभूषण लेकर पश्चिम बंगाल से दिल्ली जा रहे थे। स्थानीय स्टेशन पर अचानक सोना बरामद होने से खबर से खलबली मच गई। सुरक्षा अधिकारियों ने बरामद सोने की जानकारी वाराणसी इनकम टैक्स, कस्टम विभाग को दी है। जीआरपी सीओ अखिलेश राय भी जीआरपी थाने पहुंचे। कस्टम विभाग की टीम बरामद सामान व दोनों को अपने साथ वाराणसी ले गई। सुबह के वक्त सुरक्षा कर्मी ट्रेनों और प्लेटफार्म पर जांच कर रहे थे। इस दौरान प्लेटफार्म छह पर दो संदिग्ध व्यक्ति बैठे दिखे। संदेह होने पर जवानों ने उसने पूछताछ की। बातचीत में घबरा गए तो कर्मियों ने उनके बैग खुलवाए। ऊपर कपड़े थे लेकिन नीचे गहने दिखने पर सुरक्षा कर्मियों ने पिट्ठू बैग पलटवा दिया। उसमें से पालीथिन में लिपटी तीन सिल्ली और दूसरी पालीथिन में तैयार गहने गिरे। दोनों को जीआरपी थाने लाया और पूछताछ की गई। वे पश्चिम बंगाल में अलग-अलग स्थानों पर आभूषण बनाने, बिक्री का काम करते हैं। जीआरपी प्रभारी निरीक्षक अशोक दुबे ने बताया पश्चिम बंगाल के हरेकृष्णपुर निवासी दिलीप मंडल मालिक है और पश्चिम मेदनीपुर, दासपुर, इशुपुर निवासी कार्तिक मंडल कारीगर है। टीम में आरपीएफ प्रभारी

संजीव कुमार, डीपी यादव, अनिल कुमार, रामविलास, अभिषेक पांडेय आदि थे। तस्करी का हब बनता जा रहा जंक्शन

जंक्शन तस्करी का हब बनता जा रहा है। यहां से हर शहर को जाने के लिए आसानी से साधन मिल जाते हैं। आसपास बड़े शहर होने के कारण तस्कर स्टेशन के किसी भी रास्ते से निकलकर गंतव्य तक पहुंचते हैं। अब तक कई तस्कर गिरफ्तार हो चुके हैं। करेंसी, असलहा, कछुआ, मादक पदार्थों के साथ सोने चांदी की तस्करी ट्रेनों के माध्यम से की जाती है। हावड़ा से पीडीडीयू जंक्शन तक पहुंचना तस्करों के लिए काफी सरल साबित होता है। दर्जनों बार तस्करों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.