तीन विभाग नकली शराब पर रखेंगे नजर, महकमा अलर्ट
क्यूआर कोड से दुकानों में शराब की गुणवत्ता की पहचान निगरानी - पंचायत चुनाव में शराब क
क्यूआर कोड से दुकानों में शराब की गुणवत्ता की पहचान
निगरानी :
- पंचायत चुनाव में शराब की खपत बढ़ने का अंदेशा
- निगरानी को लेखपाल व चौकीदारों की ले रहे मदद जागरण संवाददाता, चंदौली : पंचायत चुनाव में शराब की ज्यादा खपत न हो इसको लेकर महकमा अलर्ट हो गया है। आबकारी, पुलिस व राजस्व विभाग नकली शराब पर नजर रख रहे हैं। बोतल के क्यूआर कोड से शराब की गुणवत्ता की पहचान की जा रही है। वहीं लेखपाल व चौकीदार गांव-गिरांव में निगरानी कर रहे हैं। नकली अथवा मिलावटी शराब बनाने और खरीद-फरोख्त की तत्काल सूचना आबकारी विभाग को पुलिस को देंगे। ताकि शराब माफियाओं व चुनाव में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जा सके।
चुनावों में अवैध तरीके से शराब का इस्तेमाल किसी से छिपा नहीं है। पंचायत चुनाव का बिगुल बजने वाला है। ऐसे में संभावित उम्मीदवार मतदाताओं को रिझाने में जुटे हैं। मतदाताओं को तरह-तरह के गिफ्ट दिए जा रहे हैं। वहीं जमकर शराब भी पिलाई जा रही है। प्रत्याशियों की ओर से शराब के भंडारण व नकली शराब के इस्तेमाल की भी आशंका है। वहीं तस्करों की भी सक्रियता बढ़ जाएगी। ऐसे में जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। आबकारी के साथ ही पुलिस व राजस्व विभाग भी अवैध शराब के धंधे पर नजर रख रहे हैं। पंचायत चुनाव के दौरान अवैध ढंग से शराब बांटने वाले प्रत्याशियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी गांव के चौकीदारों व लेखपालों को सौंपी गई है। इसके अलावा आबकारी व पुलिस विभाग की संयुक्त टीमें शराब की दुकानों की लगातार जांच कर रही हैं। क्यूआर कोड के जरिए असली और नकली शराब की पहचान की जा रही है। अधिकारी सुनिश्चित कर रहे हैं कि दुकानदार पंचायत चुनाव में लाभ कमाने के चक्कर में कहीं नकली शराब का भंडारण और बिक्री तो नहीं कर रहे। सीमावर्ती जिले मीरजापुर में पिछले दिनों नकली शराब पीने से चार लोगों की मौत के बाद अधिकारी फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। ऐसे में निगरानी और बढ़ा दी गई है। आबकारी अधिकारी जितेंद्र सिंह ने कहा, नकली शराब बनाने व बिक्री करने वालों पर नजर रखी जा रही है। इसमें संलिप्त पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।