इस दिवाली चाइनीज वस्तुओं को तौबा, देसी से जोड़ेंगे नाता
पर्यावरण संरक्षण को लेकर दुकानदारों व आमजन ने जताई प्रतिबद्धता
जागरण संवाददाता, चंदौली : दुकानदारों ने दीपावली चाइनीज झालर, रंगबिरंगी लाइटें, बल्ब व सजावटी वस्तुओं की बिक्री से तौबा करने का मन बना लिया है। कोरोना व बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के मद्देनजर लोगों में देसी से नाता जोड़ने की प्रतिबद्धता दिख रही है। ऐसे में इस बार दिवाली थोड़ी अलग हो सकती है। जिला प्रशासन भी अवैध ढंग से पटाखों की बिक्री को लेकर सख्त हो गया है।
कोरोना काल में सर्दियों में पर्यावरण प्रदूषण का खतरा बढ़ गया है। दीपावली पर पटाखे व पराली जलाने से रोकना जिला प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। ऐसे में लोगों को तमाम माध्यमों से जागरूक किया जा रहा है। इसका असर दिख रहा है। दुकानदारों और आमजन में बदलाव देखने को मिल रहा है। दुकानदारों ने चाइनीज सामानों की बिक्री से तौबा कर ली है। जबकि आमजन भी देसी सामानों को ही वरीयता दे रहे हैं। इससे दुकानदार अधिक मुनाफे की लालच में चाहकर भी चाइनीज सामानों की बिक्री नहीं कर रहे हैं। वैसे चीन की नापाक हरकतों के बाद सरकार ने आयात पर सख्ती कर दी है। इससे काफी कम पूर्व का बचा चाइनीज माल स्थानीय बाजार में दिख रहा है।
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ग्रामीण महिलाएं कर रहीं पहल
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहल की है। महिलाएं गोबर के दीए व प्रतिमाएं बना रही हैं। काशी बायोटेक नामक संस्था महिलाओं की मदद कर रही है। वाराणसी में इसके लिए बाजार तलाश लिया गया है। दुकानदारों की डिमांड पर महिलाएं गोबर से अब तक करीब सात हजार दीए व प्रतिमाएं बना चुकी हैं। खादी ग्रामोद्योग विभाग ने भी मिट्टी के दीए व प्रतिमाएं बनाने में सहूलियत के लिए कुम्हारों को इलेक्ट्रिक चाक, सांचा व पेंटिग मशीन आदि मुहैया कराया है। 16 कुम्हारों के दो समूहों को उपकरण दिए गए हैं।
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बोले, दुकानदार - इस बार दीपावली पर देसी वस्तुओं की ही बिक्री की जाएगी। चाइनीज सामानों के खराब होने की बार-बार शिकायत आती रहती है।
किशन कुमार - चीन सीमा पर लगातार कायराना हरकत कर रहा है। इसलिए चीन निर्मित वस्तुओं का पूरी तरह से बहिष्कार करेंगे। इस बार दीपावली पर चीन का सामान नहीं बेचेंगे।
सुजीत कुमार मौर्य - चाइनीज मांझे की तरह इलेक्ट्रानिक सामानों की गुणवत्ता खराब होती है। इससे ग्राहकों को परेशानी होती है। इस बार चीन निर्मित वस्तुएं नहीं बेचेंगे।
सोनू केशरी - चीन से आयात पर सरकार ने तमाम तरह के मानक लागू कर दिए हैं। ऐसे में इलेक्ट्रानिक वस्तुएं नहीं पहुंच पा रही हैं। ऐसे में देसी सामानों से ही बाजार पटा रहेगा।
हलचल सिंह
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बोले, आमजन - पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए कोरोना काल में इस बार दीपावली पर पटाखे नहीं जलाएंगे। वहीं चीन निर्मित इलेक्ट्रानिक सामान भी नहीं खरीदेंगे। कोशिश रहेगी कि दीया व बाती जलाकर ही धूमधाम से दीपावली मनाई जाए।
श्यामलाल सिंह - कोरोना काल में बढ़ता प्रदूषण लोगों की सेहत के लिए खतरनाक साबित होगा। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। इस बार पटाखे जलाने से परहेज करें। मैं खुद ग्रीन दिवाली की पक्षधर हूं। इसके लिए लोगों को भी प्रेरित करूंगी।
डा. प्रेमलता