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उगते सूर्य को अ‌र्घ्य दे महिलाओं ने किया छठ व्रत का पारण

भगवान भाष्कर ने जैसे ही आंखें खोली महिलाओं ने अ‌र्घ्य देकर व्रत का पारण किया। हाथ में फल, पकवानों से भरा सूप लिए भोर में ही तालाब में खड़ी रहीं। जैसे ही सूर्यदेव की लालिमा दिखी भगवान को प्रसाद चढ़ाया, गाय के दूध, जल से अ‌र्घ्य दिया। घाटों पर आस्थावानों की ऐसी भीड़ कि पैर रखने को जगह नहीं थी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 11:10 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 11:10 PM (IST)
उगते सूर्य को अ‌र्घ्य दे महिलाओं ने किया छठ व्रत का पारण
उगते सूर्य को अ‌र्घ्य दे महिलाओं ने किया छठ व्रत का पारण

जागरण संवाददाता, चंदौली/पीडीडीयू नगर (चंदौली) : भगवान भाष्कर ने जैसे ही आंखें खोली महिलाओं ने अ‌र्घ्य देकर व्रत का पारण किया। हाथ में फल, पकवानों से भरा सूप लिए भोर में ही तालाब में खड़ी रहीं। जैसे ही सूर्यदेव की लालिमा दिखी भगवान को प्रसाद चढ़ाया, गाय के दूध, जल से अ‌र्घ्य दिया। घाटों पर आस्थावानों की ऐसी भीड़ कि पैर रखने को जगह नहीं थी। हर तालाब पर मेला जैसा ²श्य था, व्रतियों के साथ उनके परिजन, शुभ¨चतक, रिश्तेदार भी घाटों पर उमड़े रहे। इस दौरान समाजसेवियों ने भी मुफ्त में लोगों को खूब चाय पिलाई, बच्चों के लिए दूध का वितरण। प्रकाश की व्यवस्था गजब की रही। सुरक्षा व्यवस्था के लिए सादी वर्दी के साथ-साथ खुफिया तंत्र और वर्दीधारी भी बराबर चक्रमण करते रहे। नगर में सावजी पोखरा और कालीजी मंदिर पोखरे पर अन्य वर्षों की अपेक्षा काफी भीड़ रही।

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डाला छठ पूजा बुधवार को उदीयमान भगवान भाष्कर को अ‌र्घ्य देने व हवन पूजन के साथ संपन्न हुई। नगर के तालाब व सरोवरों पर भारी संख्या में व्रती महिलाएं व अन्य श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। पूजा के उपरांत पारण के साथ इस व्रत का समापन हुआ। मानसरोवर तालाब, रामजानकी तालाब अलीनगर, आरपीएफ कालोनी, दामोदर दास पोखरा सहित अन्य तालाबों पर आस्थवानों की भीड़ रही। एक तरफ परवईतीन महिलाएं पूजा का दीप सजाकर छठ के गीत गा रही थीं तो वहीं तालाब और सरोवर के जल में खड़ी होकर कुछ महिलाएं कष्टी साधना कर रही थीं। सूर्य की लालिमा दिखते ही सूप में आस्था का डोला लिए महिलाओं ने अ‌र्घ्य दिया। परिजन गाय के दूध से अ‌र्घ्य दे रहे थे और परवईतीन परिक्रमा की।

चकिया कार्यालय के अनुसार नगर सहित ग्रामीण अंचलों में सूर्य षष्ठी के चार दिवसीय महापर्व का बुधवार को समापन हुआ। मां काली जी के ऐतिहासिक सरोवर पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। व्रती महिलाओं ने उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर पारण किया। सूर्य की लालिमा के साथ व्रती महिलाओं ने सूर्यदेव को अ‌र्घ्य देते हुए संतान के दीर्घायु की कामना की। नौगढ़ के बाघी, देवखत, शेमरा, मलेवर, गोलाबाद, मरवटिया, बसौली, मझगाई, तिवारीपुर, बरवाडीह, जमसोती, औरवाटाड़ समेत विभिन्न गांवों के जलाशय इलिया, बबुरी कस्बा बाजार सहित घोड़सारी, वेन, माल्दह, तियरी, वनरसिया, सिकंदरपुर, शहाबगंज में लोक आस्था के महापर्व की धूम मची रही। सकलडीहा प्रतिनिधि के अनुसार कस्बा के शिव सरोवर व बरठी के कालेश्वर महादेव सरोवर पर बुधवार को व्रती महिलाओं ने सूर्य को अ‌र्घ्य देकर अपना व्रत तोड़ा। घाटों पर उन्होंने विधिपूर्वक पूजन किया। छठ मईया के गीतों की स्वरलहरी चहुंओर सुनाई पड़ रही थी। बाबा कीनाराम समिति रामगढ़ के संयोजक अजीत ¨सह के नेतृत्व में सदस्यों ने आने-जाने वालों को चाय व पानी पिलाया। तालाब पर लगी भीड़ को देखने के लिए भी लोगों की भीड़ जुटी रही।

कमालपुर प्रतिनिधि के अनुसार डाला छठ सूर्य उपासना का पर्व बुधवार को उदयीमान सूर्य के साथ संपन्न हुआ। गायत्री प्रज्ञा पीठ बहेरी में व्रती महिलाओं ने अ‌र्घ्य दिया। प्रज्ञा पीठ की ओर से आयोजित इस पर्व पर महिलाएं सरोवर में न जाकर मंदिर प्रांगण में यज्ञ की वेदी बनाकर पूजा अर्चना करती हैं।

चहनिया प्रतिनिधि के अनुसार डाला छठ के पावन पर्व पर व्रतियों को हर संभव मदद पहुंचाने में समाजसेवी पीछे नही रहे। बाबा कीनाराम मठ के संयोजक अजित ¨सह की पत्नी रोमी ¨सह ने व्रतियों में फल वितरण कर पुण्य कमाया। बुधवार की सुबह वे बलुआ घाट पर पहुंची सैकड़ों व्रती महिलाओं में फल वितरण कर अ‌र्घ्य दिया।

सैयदराजा नगर पंचायत सरोवर के अलावा बगहीं कुम्भापुर, दुधारी नहर, छत्रपुरा व बरंगा नहर पर डाला छठ महापर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। पड़ाव के डोमरी, सूजाबाद, बहादुरपुर, जलीलपुर, चौरहट, भोजपुर आदि गांव में व्रती महिलाओं ने गंगा किनारे उदीयमान भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। ताराजीवनुपर में भगवान भाष्कर की उपासना एवं छठ पर्व को लेकर क्षेत्र के कैली, भूपौली, चंदौली खुर्द सहित विभिन्न तालाबों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। नियामताबाद क्षेत्र के नियामताबाद, सरने, गोधना, मनोहरपुर, पांडेयपुर, भरछा, धपरी, कठौरी, रंगौली, बौरी, आदि गांवों में तालाबों पर बुधवार की सुबह उगते हुए सूर्य को अ‌र्घ्य देकर व्रती महिलाओं ने उपासना की गई।


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