तहसीलदार की जांच में अनुपस्थित मिले शिक्षक
नक्सल क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक व शिक्षकों के गायब रहने का सिलसिला जारी है। इसमें शिक्षाधिकारियों की मिलीभगत से शिक्षकों के विद्यालयों से गायब रहने का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। कुछ ऐसा ही नजारा मंगलवार को रिठियां गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में देखने को मिला। प्रधानाध्यापक विद्यालय में मौजूद नहीं थे। जागरण ने जब तहकीकात की तो पता चला कि प्रधानाध्यापक ओम नारायण विद्यालय से अक्सर गायब रहते हैं। सहायक अध्यापक अवनीश श्रीवास्त
जासं, नौगढ़ (चंदौली) : नक्सल क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक व शिक्षकों के गायब रहने का सिलसिला जारी है। इसमें शिक्षाधिकारियों की मिलीभगत से शिक्षकों के विद्यालयों से गायब रहने का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। कुछ ऐसा ही नजारा मंगलवार को रिठियां गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में देखने को मिला। प्रधानाध्यापक विद्यालय में मौजूद नहीं थे।
जागरण ने जब तहकीकात की तो पता चला कि प्रधानाध्यापक ओम नारायण विद्यालय से अक्सर गायब रहते हैं। सहायक अध्यापक अवनीश श्रीवास्तव ने बताया कि प्रधानाध्यापक ओम नारायण व सहायक अध्यापक पप्पू राम, चंद्रशेखर आजाद छुट्टी पर हैं। तहसीलदार द्वारा शिक्षकों की उपस्थिति की जांच को दो सदस्यीय टीम विद्यालय में पहुंची। जांच टीम में शामिल लेखपालों ने जब उपस्थिति पंजिका व अन्य कागजात की मांग किया तो सहायक अध्यापक अवनीश ने देने से इंकार कर दिया। लेखपालों ने तहसीलदार को मामले से अवगत कराया। तहसीलदार के हस्तक्षेप पर जांच अधिकारियों को अभिलेख दिए गए। दोनों सहायक अध्यापकों का अवकाश प्रार्थना पत्र मिला। अध्यापक ने फोन करके प्रधानाध्यापक को बुला लिया। मजेदार तथ्य यह रहा कि प्रधानाध्यापक व अन्य अध्यापकों के अनुपस्थिति की शिकायत जब सेल फोन से बीईओ अरविद यादव से की गई तो उन्होंने बताया प्रधानाध्यापक बीआरसी की बैठक में है। सवाल यह उठता है कि एक तरफ अध्यापक छुट्टी का प्रार्थना पत्र रखें है और दूसरी तरफ शिक्षा अधिकारी बता रहे कि बैठक में है।
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