सिचाई को लें स्प्रिंकलर, मिलेगा 90 फीसद अनुदान
जागरण संवाददाता चंदौली किसान सिचाई के लिए स्प्रिंकलर (बौछारी)विधि अपनाएं। इससे कम पानी व
जागरण संवाददाता, चंदौली : किसान सिचाई के लिए स्प्रिंकलर (बौछारी)विधि अपनाएं। इससे कम पानी व कम समय में अधिक फसल की सिचाई की जा सकेगी। उद्यान विभाग इसके लिए किसानों की मदद करेगा। स्प्रिंकलर सेट खरीदने के लिए 90 फीसद तक अनुदान मिल रहा है। खासतौर से सब्जी, दलहनी व बागवानी की सिचाई में यह विधि काफी कारगर है। जिले में इस साल 1445 हेक्टेयर की सिचाई के लिए संसाधन खरीदने पर अनुदान देने का लक्ष्य है। इसके लिए किसानों से आवेदन मांगे गए हैं, आवेदन के सत्यापन के बाद उन्हें किसी भी प्रतिष्ठान से स्प्रिंकलर सेट खरीदकर इसकी रसीद कार्यालय में जमा करानी होगी। विभाग उपकरण सत्यापन के बाद अनुदान राशि पीएफएमएस (सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली)के जरिए किसानों के खाते में भेजेगा। अंधाधुंध भूजल दोहन को रोकने के लिए सरकार ने पहल की है।
प्राकृतिक जलस्त्रोत दिनों दिन घट रहे हैं। ऐसे में किसान बोरिग से पानी निकालकर खेतों की सिचाई पर आश्रित हो गए हैं। अंधाधुंध भूजल का दोहन किया जा रहा। इससे जलस्तर तेजी से नीचे गिर रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए सरकार स्प्रिंकलर सिचाई विधि को बढ़ावा दे रही है। इस विधि से कम पानी व कम समय में अधिक फसल की सिचाई की जा सकती है। उद्यान विभाग को किसानों को जागरूक कर स्प्रिंकलर विधि से सिचाई के लिए प्रेरित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। विभाग को 1445 हेक्टेयर की सिचाई के लिए स्प्रिंकलर सेट बांटने का लक्ष्य दिया गया है। कैसे होती है सिचाई
स्प्रिंकलर सेट में प्लास्टिक की पाइप में लगे नोजल के जरिए निकलकर फव्वारे के रूप में पानी की बूंदें फसलों तक पहुंचती है। खेत की हल्की सिचाई में यह विधि काफी कारगर है। बागवानी व सब्जी के साथ दलहनी व तिलहनी फसलों की सिचाई भी आसानी से की जा सकती है। इससे खेत में पानी भी नहीं भरेगा। वहीं कम समय और कम पानी भी खर्च होगा। इससे भूजल दोहन कम होगा। 'किसानों को स्प्रिंकलर सेट खरीदने पर अनुदान दिया जा रहा है। जिले में 1445 हेक्टेयर तक सिचाई के लिए स्प्रिंकलर सेट के वितरण का लक्ष्य रखा गया है। इस पर किसानों को 90 फीसद तक अनुदान मिलेगा।
एसपी वर्मा, वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक