स्वच्छताग्राहियों ने किया प्रदर्शन, नहीं मिला मानदेय
तीन वर्ष तक लगातार काम करने के बावजूद मानदेय का भुगतान न किए जाने से नाराज स्वच्छता ग्राहियों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया। अधिकारियों पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। डीडीओ पदमाकांत शुक्ला को पत्रक सौंपकर गुहार लगाई
जासं, चंदौली : तीन वर्ष तक लगातार काम करने के बावजूद मानदेय का भुगतान न किए जाने से नाराज स्वच्छताग्राहियों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया। अधिकारियों पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। डीडीओ पदमकांत शुक्ल को पत्रक सौंपकर गुहार लगाई। डीडीओ ने स्वच्छताग्राहियों की समस्याओं के निस्तारण का भरोसा दिलाया।
स्वच्छताग्राहियों का कहना रहा कि ओडीएफ अभियान को सफलता पूर्वक संचालित करने के लिए नियुक्ति की गई थी। प्रत्येक स्वच्छताग्राही को गांव आवंटित किए गए थे। गांवों में शौचालयों का निर्माण कराने के साथ ही खुले में शौचमुक्त करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हर शौचालय के निर्माण पर 150 रुपये, गांव ओडीएफ होने पर 10 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि और ट्रिगरिग व फालोअप के लिए मानदेय देने का वादा किया गया था। जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन किया गया। लेकिन मानदेय के नाम पर आज तक फूटी कौड़ी नहीं नसीब हुई। पंचायती राज विभाग पूरे जिले को ओडीएफ घोषित कर चुका है। इसके बदले किसी भी स्वच्छताग्राही को प्रोत्साहन राशि नहीं मिली। मानदेय व नियमित काम भी नहीं मिलने से घर-परिवार चलाना मुश्किल होता जा रहा है। शांतिपूर्ण ढंग से मानदेय की मांग की जा रही है। लेकिन शासन-प्रशासन के उपेक्षात्मक रवैये से रोष गहराता जा रहा है। प्रोत्साहन राशि का भुगतान, नियमित काम व किट उपलब्ध कराने की मांग की। चेताया कि यदि मांगों पर शीघ्र विचार नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन को विवश होंगे। डीडीओ ने कहा पंचायती राज विभाग से इस बाबत वार्ता की जाएगी। हर हाल में बकाया मानदेय का भुगतान कराया जाएगा। जयकृष्ण, अशोक निषाद, रामसेवक, संजय कुमार, पूनम चौहान, आनंद कुमार, राजू खरवार, रंजीत त्यागी आदि मौजूद थे।