सरकारी योजनाओं से वंचित होंगे पराली जलाने वाले अन्नदाता
जागरण संवाददाता वनगावां (चंदौली) पराली जलने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कृषि विभ
जागरण संवाददाता, वनगावां (चंदौली): पराली जलने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है। खेतों में धान की कटाई के बाद पराली नहीं जलेगी, बल्कि अन्नदाता को कंबाइन हार्वेस्टर चलवाकर पराली को खेत में ही मिलाना होगा। इसके साथ ही उन्हें प्रतिज्ञा लेनी होगी कि व खेत में पराली नहीं जलाएंगे और बाकायदा इसका शपथ पत्र भी देंगे। ऐसा नहीं करने पर उन्हें सरकारी योजनाओं से वंचित होना पड़ेगा। अपर मुख्य सचिव ने इस बाबत सूबे के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर कृषि विभाग ने पराली जलाने वाले अन्नदाताओं के खिलाफ सख्ती की है। धान की कटाई शुरू हो गई है। ऐसे में पराली जलाने वाले अन्नदाताओं की धरपकड़ एवं उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई कराने की रणनीति तैयार करने को जिला प्रशासन व विभाग ने होमवर्क शुरू कर दिया है। शासन स्तर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक, अन्नदाता धान की फसल कटवाने के बाद कंबाइन हार्वेस्टर खेत में चलवाएंगे। यदि यह नहीं है तो फिर सुपर एसएमएस कृषि यंत्र का प्रयोग किया जाएगा। अन्य विकल्प भी दिए गए हैं। धान की कटाई के बाद पराली को नहीं जला कर उसे खेत में कटवा कर अन्नदाता पानी भर देंगे। सड़ने के बाद वह जैविक खाद बन जाएगी, जो गेहूं की फसल के काम आएगी। नई गाइडलाइन की जानकारी के लिए विभाग ने अन्नदाताओं को जागरूक करना शुरू कर दिया है।
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घोषणा पत्र देकर कर सकते हैं सीधे बोआई
यदि अन्नदाता पराली को हटाए बिना सीधे रबी की फसल की बोआई करना चाहता है तो उसे पराली न जलाने का घोषणा पत्र देना होगा। इसके साथ ही बोआई के समय जीरो सीड ड्रिल, हैप्पीसीडर, वेस्ट- डी- कंपोजर का उपयोग करना होगा। घोषणा पत्र देने के बावजूद अन्नदाता नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ अफसर सख्त कार्रवाई करेंगे।
इन यंत्रों से पराली की करें कटाई
कृषि विभाग के अनुसार, अन्नदाता पराली काटने के लिए स्ट्रा रीपर, स्ट्रा रेक, मल्चर, पैडी स्ट्रा चापर, श्रब मास्टर, एमबी प्लाऊ का उपयोग भी कर सकते हैं। नए निर्देशों के तहत अन्नदाता खेत में पराली जलाते मिलते हैं तो प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना से उन्हें वंचित तो होना ही पड़ सकता है, उनके विरुद्ध प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्रवाई भी होगी।
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वर्जन.
खेतों में पराली न जलने पाए, इसको लेकर एनजीटी गंभीर है। अपर मुख्य सचिव ने इस बाबत सख्त निर्देश जारी किए हैं। पूरे प्रदेश में पराली जलाने पर रोक लगा दी गई है। अन्नदाताओं को नई गाइडलाइन के अनुसार पराली का प्रबंधन कर रबी की बोआई करनी होगी। विभाग व प्रशासन के सख्त रुख के बाद भी कोई किसान पराली जलाता है तो उसे सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित होना पड़ेगा।
- राजीव भारती, उप निदेशक कृषि