बेसहारा पशुओं का निवाला बनेगी पराली, लौटेगी खुशहाली
पराली की समस्या के निदान को शासन व प्रशासन से दो-दो हाथ कर रहे किसानों के लिए राहत भरी खबर है। आंदोलित अन्नदाताओं की आवाज कायदे से शासन तक पहुंच चुकी है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने एक पहल से दो समस्याओं का समाधान निकाला है। मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन ने खेतों से पराली निकलवाकर पशु आश्रय स्थलों में भंडारित करने और बेसहारा पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल किए जाने की जिम्मेदारी जिला पंचायत राज अधिकारी बीडीओ और कृषि अधिकारी को सौंपी है। इसपर फौरी अमल शुरू करने की हिदायत भी दी है।
जासं, चंदौली : पराली की समस्या के निदान को शासन व प्रशासन से दो-दो हाथ कर रहे किसानों के लिए राहत भरी खबर है। आंदोलित अन्नदाताओं की आवाज कायदे से शासन तक पहुंच चुकी है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने एक पहल से दो समस्याओं का समाधान निकाला है। मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन ने खेतों से पराली निकलवाकर पशु आश्रय स्थलों में भंडारित करने और बेसहारा पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल किए जाने की जिम्मेदारी जिला पंचायत राज अधिकारी, बीडीओ और कृषि अधिकारी को सौंपी है। इस पर फौरी अमल शुरू करने की हिदायत भी दी है।
मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए अधिकारियों को निर्देशित किया है कि खेतों में पलेवा और कंपोस्ट खाद के बाद बची पराली को ग्राम स्तरीय कर्मचारी के माध्यम से निकट के गोवंश आश्रय स्थल में सुरक्षित रखवा लिया जाए। भंडारित पराली को हरा चारा के साथ मिलाकर पशुओं को खिलाने की व्यवस्था की जाए। यही नहीं प्रतिदिन कितनी मात्रा में पराली किस गोवंश आश्रय स्थल पहुंचाई गई इसकी सूचना प्रतिदिन विकास खंड स्तर पर सहायक विकास अधिकारी द्वारा संकलित की जाएगी और निदेशक कृषि व जिला कृषि अधिकारी को भेजी जाएगी। डीडी कृषि और कृषि अधिकारी विवरण जिलाधिकारी तक पहुंचाएंगे। पराली को आश्रय स्थलों तक पहुंचवाने के लिए डीपीआरओ, बीडीओ और जिला कृषि अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। जिला पंचायत राज अधिकारी ब्रह्मचारी दुबे ने बताया कि सभी सहायक विकास अधिकारियों को पत्र के माध्यम से मुख्य सचिव के निर्देशों से अवगत करा दिया गया है। निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।