गांवों में खेल मैदान को नहीं मिली जमीन, कैसे सुधरेगी सेहत
जागरण संवाददाता चंदौली जमीन के अभाव में गांवों में खेल मैदान बनाने की शासन की योजना दम तोड़
जागरण संवाददाता, चंदौली : जमीन के अभाव में गांवों में खेल मैदान बनाने की शासन की योजना दम तोड़ रही है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत मैदान बनाने का निर्देश है, ताकि बच्चे खेलकूद के माध्यम से अपनी सेहत सुधार सकें। वहीं ग्रामीणों को मार्निंग वाक के लिए भी सुविधा मिल सके। हालांकि राजस्व विभाग इसके लिए अभी तक जमीन नहीं ढूंढ सका है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में मनरेगा से मैदान के लिए लगभग एक बीघा जमीन की आवश्यकता है। हालांकि ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक जमीन पर अतिक्रमण से जमीन मिलना मुश्किल है। सरकार ने मनरेगा के माध्यम से ग्राम पंचायतों में खेल मैदान बनाने का निर्देश दिया है। इसके पीछे उद्देश्य है कि गांव के बच्चों को खेलने के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े। वहीं ग्रामीण चाहेंगे तो सुबह-शाम यहां टहल भी सकते हैं। हालांकि विडंबना यह है कि जिले की अधिकांश ग्राम पंचायतों में खेल मैदान बनाने के लिए पर्याप्त जगह ही नहीं है। इसलिए प्रक्रिया अधर में लटकी है। मनरेगा खेल मैदान बनाने के लिए कम से कम एक बीघा खाली जमीन की दरकार है, लेकिन जिला प्रशासन उतनी जमीन ढूंढ नहीं पा रहा है। ऐसे में खेल मैदान बनाने की कवायद पूरी नहीं हो पा रही है। मनरेगा के जरिए खेल मैदान का समतलीकरण, मिट्टी भराई कराई जाएगी। जिले में हैं 734 ग्राम पंचायतें
जिले में 734 ग्राम पंचायतें हैं। ग्राम पंचायतों की काफी जमीन है। हालांकि, पंचायतों की अनदेखी और शह की वजह से दबंगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा जमा रखा है। यहां तक कि पंचायत भवनों में भी भूसा व उपले रखे हैं। डीएम संजीव सिंह ने निरीक्षण के दौरान दुर्व्यवस्था देखी थी। इसको लेकर ब्लाक के अधिकारियों, सचिव व सफाईकर्मी पर गाज गिरी थी।
' ग्राम पंचायतों में मनरेगा खेल मैदान बनाने की योजना है। जिला प्रशासन ग्राम पंचायतों में जमीन ढूंढकर उपलब्ध कराए तो खेल मैदान बनाए जाएंगे। ग्राम पंचायतों में इसके लिए जमीन का अभाव है।
धर्मजीत सिंह, उपायुक्त मनरेगा