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कर्मचारी में कोरोना के लक्षण, निर्वाचन दफ्तर हुआ सील

निर्वाचन कार्यालय में तैनान कर्मचारी में कोरोना के लक्षण मिले हैं। इससे खलबली मच गई है। मुख्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र परिसर स्थित दफ्तर को सील कर दिया गया है। कर्मचारी ने जिला अस्पताल में सैंपलिग कराई है। हालांकि अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद ही संक्रमण की पुष्टि होगी। फिलहाल कर्मचारी को होम क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 10:00 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 10:00 PM (IST)
कर्मचारी में कोरोना के लक्षण, निर्वाचन दफ्तर हुआ सील
कर्मचारी में कोरोना के लक्षण, निर्वाचन दफ्तर हुआ सील

जागरण संवाददाता, चंदौली : पंचास्थानीय निर्वाचन कार्यालय में तैनात कर्मचारी में कोरोना के लक्षण मिले हैं। इससे खलबली मच गई है। मुख्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र परिसर स्थित दफ्तर को सील कर दिया गया है। कर्मचारी ने जिला अस्पताल में सैंपलिग कराई है। हालांकि अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद ही संक्रमण की पुष्टि होगी। फिलहाल कर्मचारी को होम क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी गई है।

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कोरोना का संक्रमण दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। आमजन के साथ ही सरकारी अधिकारी-कर्मचारी भी अब इससे अछूते नहीं रहे। निर्वाचन कार्यालय (पंचस्थानीय) में तैनात संविदाकर्मी में भी कोरोना के लक्षण मिले हैं। इससे खलबली मच गई है। दरअसल कर्मचारी कंप्यूटर आपरेटर के तौर पर काम करता है। हफ्ते में तीन-चार दिन दफ्तर में आकर डाटा फीडिग आदि का काम करना पड़ता है। उसे पिछले कई दिनों से जुकाम-बुखार की शिकायत थी। अधिकारियों की सलाह पर पिछले दिनों जिला अस्पताल में सैंपलिग कराई। वहीं दो दिन पहले कार्यालय भी आया था। इससे अधिकारियों-कर्मचारियों में खलबली मच गई है। बुधवार की दोपहर निर्वाचन दफ्तर को ताला लगाकर सील कर दिया गया। वहीं कृषि विज्ञान केंद्र परिसर के दोनों गेट भी बंद कर दिए गए। ताकि कोई बाहरी व्यक्ति परिसर में प्रवेश न कर सके। इसके पूर्व जिला पंचायत राज अधिकारी, स्वच्छता समन्वयक व चालक कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। इसके अलावा तीन दिन पूर्व जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में तैनात स्वास्थ्य कर्मी और जांच केंद्र के दो तकनीकी सहायक संक्रमित पाए गए थे। इससे जिला अस्पताल के चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी भी सशंकित हैं। वहीं अस्पताल प्रशासन की ओर से कोरोना से बचाव के लिए कोई मुकम्मल इंतजाम न किए जाने की वजह से रोष भी है। स्वास्थ्यकर्मियों की मानें तो अस्पताल को सील कर देना चाहिए। वहीं मरीजों के उपचार के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए। ताकि अन्य चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमित होने से बचाया जा सके।


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