सदर नगर पंचायत बनेगी पालिका, शासन को भेजा प्रस्ताव
जागरण संवाददाता चंदौली सदर नगर पंचायत को पालिका बनाने की कवायद शुरू हो गई है। केंद्री
जागरण संवाददाता, चंदौली : सदर नगर पंचायत को पालिका बनाने की कवायद शुरू हो गई है। केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमशीलता मंत्री और सांसद डा. महेंद्रनाथ पांडेय की पहल पर जिला प्रशासन ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है। आसपास की 32 ग्राम पंचायतें पालिका में शामिल होंगी। शासन स्तर से 21 दिसंबर तक प्रस्ताव पर मुहर लगने की उम्मीद है। नगर पालिका में शामिल होने वाली ग्राम पंचायतों की सूरत बदल जाएगी। वहीं नगर में भी मूलभूत सुविधाओं का विकास होगा।
जनपद सृजन के बाद चंदौली नगर को मुख्यालय बनाया गया, लेकिन यहां मूलभूत सुविधाओं का टोटा है। सदर नगर पंचायत को पालिका बनाने की मांग शुरू से ही उठती रही है। ताकि नगर का मुकम्मल विकास हो सके। इसको लेकर जिला प्रशासन पहले भी प्रस्ताव भेज चुका है। हालांकि शासन से स्वीकृति नहीं मिली। इस दफा केंद्रीय मंत्री की पहल पर शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। ऐसे में मंजूरी मिलने की उम्मीद है। 21 दिसंबर तक शासन की ओर से निर्णय लिया जाएगा। यदि प्रस्ताव पर मुहर लग गई तो पालिका बनाने का रास्ता साफ हो जाएगा।
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नगर के नजदीक स्थित ग्राम पंचायतें होंगी शामिल
केशवपुर, बिछियां, धूरीकोट, मद्धूपुर, नरसिंहपुर, फुटियां, जसौली, जसूरी, हिनौती, नेगुरा, मझवार, नवहीं, फगुइयां, बसारिकपुर, माधोपुर, बरथरा कलां समेत 32 ग्राम पंचायतें शामिल होंगी। नगर पालिका की आबादी करीब 50 हजार होगी। पालिका में शामिल होने वाली नगर पंचायतों में नगरों जैसी समस्त सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। वहीं नगर का भी विकास होगा।
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बढ़ेगी वार्डों की संख्या, होगा विकास
नगर पालिका का दर्जा मिलने के बाद वार्डों की संख्या बढ़ेगी। वर्तमान में सदर नगर पंचायत में 15 वार्ड हैं। वहीं 22 हजार आबादी है। ग्राम पंचायतों के शामिल होने के बाद आबादी बढ़ेगी। साथ ही वार्डों की संख्या भी बढ़कर 30 हो जाएगी। शासन से अधिक बजट जारी होगा। इससे नगर के विकास में तेजी आएगी। जगह-जगह पार्क, सड़कें, सामुदायिक शौचालय, पेयजल आदि परियोजनाएं पूरी कराई जाएंगी।
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' नगर पंचायत को पालिका का दर्जा दिलाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया गया है। पालिका में आसपास की 32 ग्राम पंचायतें शामिल होंगी। 21 दिसंबर तक प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। इसके बाद नगर के चतुर्दिक विकास का रास्ता साफ हो जाएगा।
राजेंद्र प्रसाद, अधिशासी अधिकारी