स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से पांच दिन बाद मिल रही रिपोर्ट
जागरण संवाददाता सकलडीहा (चंदौली) कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्य विभाग की शिथिलता के क
जागरण संवाददाता, सकलडीहा (चंदौली) : कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्य विभाग की शिथिलता के कारण आरटीपीसीआर की रिपोर्ट आने में पांच से छह दिन लग जा रहा। इस बीच मरीज न जाने कितने लोगों के संपर्क में आया। न जाने कितने लोगों को संक्रमित करेगा। मामला सकलडीहा क्षेत्र के एक गांव का है। अब तक सामान्य महसूस कर रहा पीड़ित स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर कोस रहा है।
सकलडीहा के एक गांव के एक व्यक्ति ने पुत्री में कोरोना के लक्षण देख 13 अप्रैल को सीएचसी में अपना व पुत्री का एंटीजेन व आरटीपीसीआर टेस्ट कराया। पुत्री की एंटीजेन रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर चिकित्सकों की सलाह पर उसे होम आइसोलेशन में रखा गया। रविवार को अचानक सकलडीहा सीएचसी के चिकित्सक द्वारा मोबाइल पर यह बताया गया कि उनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जबकि पीड़ित ने बताया कि उसके अंदर कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं। सवाल यह उठता है कि टेस्ट कराने के पांच दिन में वह व्यक्ति न जाने कितने लोगों के संपर्क में आया और कोरोना वायरस का एक बड़ा कैरियर साबित हुआ होगा। यह स्वास्थ्य विभाग व सिस्टम की बड़ी नाकामी को दर्शाता है। यह बताता है कि कोरोना को लेकर जिला व स्वास्थ्य विभाग की तैयारी पूरी तरह फेल है। विशेषज्ञों ने माना है कि कोरोना से संक्रमित मरीज को मनोवैज्ञानिक लड़ाई लड़नी पड़ती है। जो उसके अंदर के इम्यून सिस्टम को डैमेज भी करती है। ऐसे में सिस्टम की लापरवाही ऐसे मरीजों को असहनीय पीड़ा देती है। दरअसल एक लंबे समय से कोरोना से लड़ रहा स्वास्थ्य विभाग अब इसके आगे बेबस और लाचार सा दिख रहा है। चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी लापरवाह हो गए हैं और दिनों दिन संवेदनशीलता खोते जा रहे हैं। सरकार चाहे जितने दावे कर ले। सच्चाई यही है कि कोरोना से पीड़ित लोगों का बस भगवान ही मालिक है।