विकास का पीछा करता रहा जातीय तिलिस्म
शहरी इलाके के मतदाताओं ने विकास को तरजीह दी तो ग्रामीण क्षेत्र में जातीय समीकरण के आधार पर सपा-बसपा गठबंधन भारी रहा। इसके चलते शहरी इलाकों में भाजपा की बढ़त गांवों में आते ही सिमटने लगी। भाजपा उम्मीदवार ने शिवपुर व अजगरा सीट से 49092 हजार वोटों की बढ़त हासिल की।
जासं, संवाददाता : शहरी इलाके के मतदाताओं ने विकास को तरजीह दी तो ग्रामीण क्षेत्र में जातीय समीकरण के आधार पर सपा-बसपा गठबंधन भारी रहा। इसके चलते शहरी इलाकों में भाजपा की बढ़त गांवों में आते ही सिमटने लगी। भाजपा उम्मीदवार ने शिवपुर व अजगरा सीट से 49092 हजार वोटों की बढ़त हासिल की। चंदौली जिले की सकलडीहा व सैयदराजा विस में 43363 हजार मतों से पीछे हो गए। मुगलसराय विस में 7045 मतों से आगे रहे।
लोकसभा चुनाव में शहरी मतदाताओं के लिए भाजपा पहली पसंद रही। इसके चलते नगरों व कस्बों के बूथों पर भाजपा कमोवेश आगे रही। जबकि ग्रामीण इलाके के बूथों पर सपा-बसपा गठबंधन भारी रहा। चंदौली संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाली वाराणसी जिले की शिवपुर व अजगरा सीटों पर भाजपा को अच्छी-खासी बढ़त रही। यहां के मतदाताओं ने डा. महेंद्रनाथ पांडेय के पक्ष में अधिक मतदान कर भाजपा के दुर्ग को सुरक्षित किया। दोनों विस सीटों से भाजपा की 49 हजार से अधिक की बढ़त रही। लेकिन जिले के ग्रामीण इलाके की सकलडीहा व सैयदराजा विस में मतदाताओं का रुझान गठबंधन के प्रति अधिक रहा। भाजपा चक्र दर चक्र पिछड़ती चली गई। मिनी महानगर समझे जाने वाले मुगलसराय से भाजपा को बढ़त मिली। वहीं सर्विस वोटरों ने भी साथ दिया। छह हजार सर्विस मतदाताओं में अधिकांश ने कमल के फूल पर ही मुहर लगाई थी। इसके चलते कड़े मुकाबले में गठबंधन को शिकस्त देने में सफलता हासिल हुई।
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