'स्वयंप्रभा' में प्रभा नहीं बिखेर सके जिले के गुरुजन
स्वंप्रभा में प्रभा नहीं बिखेर सके जिले के गुरुजन
जासं, सैयदराजा (चंदौली) : दूरदर्शन पर 32 चैनलों के समूह स्वयंप्रभा पर हाईस्कूल व इंटर के विद्यार्थियों को एक मई से पढ़ाया जा रहा है। प्रेजेंटेशन में उम्दा, सही हावभाव से पढ़ाने वाले शिक्षकों का ही चयन किया जा रहा है। इनके लिए शिक्षण कार्य के वीडियो लखनऊ मंगवाए गए थे। फिर उन्हें दिल्ली एनसीईआरटी को भेजा गया था। चंदौली के विभिन्न विद्यालयों से भी लगभग छह शिक्षक-शिक्षिकाओं ने वीडियो तैयार कर भेजे थे। मगर किसी का चयन नहीं हुआ। जिले में राजकीय अर्धसरकारी और मान्यता प्राप्त वित्तविहीन विद्यालयों के लगभग सात हजार शिक्षक हैं, लेकिन शुरुआती चरण में गुरुजन अपनी प्रभा नहीं बिखेर सके। अफसरों ने बेहतर प्रदर्शन और प्रशिक्षण दिलाने की योजना बनाई है। पढ़ाई के तीन विकल्प
स्वयंप्रभा के 32 चैनल गूगल पर भी हैं। तीन विकल्पों में पढ़ाई कर सकते हैं। पहला आर्काइव यानी एक दिन पहले प्रसारित पढ़ाई दूसरा उस दिन की पढ़ाई और तीसरा अपकमिग यानी आने वाले दिन की पढ़ाई टीवी पर छूट जाए तो मोबाइल पर पढ़ सकते हैं। शुरुआती सात दिन के लिए शिक्षक चयनित किए गए हैं। अगले चरण में फिर शिक्षकों का चयन किया जाएगा। इसमें चंदौली से भी जीव वीडियो जाएंगे। 30-30 मिनट, की चार कक्षाएं
सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक टीवी पर प्रसारण के दौरान हाईस्कूल की 30-30 मिनट की दो कक्षाएं चलती हैं। इंटरमीडिएट की 30-30 मिनट की दो कक्षाएं शाम 4:30 से 6:30 बजे तक पुन: प्रसारण होता है। आधुनिक स्टूडियो में शूटिग चयनित शिक्षक लखनऊ जाकर अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के आधुनिक स्टूडियो में रिकॉर्डिग करते हैं। 'विभिन्न स्कूलों से छह शिक्षकों ने प्रेजेंटेशन रिकॉर्ड करके भेज था, लेकिन सेलेक्ट नहीं हो पाया। बेहतर प्रेजेंटेशन के लिए जिले के शिक्षक काम कर रहे हैं। उनको प्रशिक्षण दिलाने की योजना भी है। वीडियो क्वालिटी भी अहम रोल अदा करती है। उम्मीद है कि अगले चरण के प्रसारण में जिले के भी शिक्षक आएंगे।
-डा. विनोद कुमार राय, डीआइओएस।