शीतलहर से ठिठुरे लोग, कोहरे ने रोकी वाहनों की रफ्तार
धान के कटोरे में शीतलहर के प्रकोप से जनमानस जहां ठिठुर गया है वहीं कोहरे ने वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। बुधवार को गलन व ठंड से जहां आमजन की दिनचर्या प्रभावित हुई वहीं कोहरे के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
जागरण संवाददाता, चंदौली : धान के कटोरे में शीतलहर के प्रकोप से जनमानस जहां ठिठुर गया है, वहीं कोहरे ने वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। बुधवार को गलन व ठंड से जहां आमजन की दिनचर्या प्रभावित हुई, वहीं कोहरे के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। पूरे दिन सूर्य देव के दर्शन नहीं हुए। बावजूद इसके प्रशासन की ओर से ठंड से निजात दिलाने को अलाव की व्यवस्था नहीं की गई। हल्की बारिश के कारण किसानों को धान की उपज को सुरक्षित करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मानसून सीजन में किसानों का मददगार रहा मौसम साल की विदाई के वक्त दगाबाज हो गया है। किसान अपनी उपज क्रय केंद्रों पर बेचने के लिए चक्कर काट रहे हैं। अभी तक अनाज खलिहान में ही पड़ा है। कुछ किसानों का धान क्रय केंद्रों पर खुले आसमान के नीचे पड़ा है। इसी बीच मौसम ने करवट बदल ली है। इससे किसानों की चिता बढ़ गई है।
मौसम विभाग ने 28 व 29 दिसंबर को बारिश का अलर्ट जारी किया था। सोमवार की रात से ही आसमान में बादल छाए रहे। मंगलवार की दोपहर हल्की बारिश का दौर शुरू हो गया। इससे किसानों की चिता बढ़ गई। गरज-चमक के साथ कभी हल्की तो कभी मध्यम बारिश का दौर जारी रहा। किसानों को अब अपनी उपज भीगने का खतरा सताने लगा है। हालांकि बुधवार को बारिश नहीं हुई लेकिन पूरे दिन सूर्य देव के दर्शन नहीं हुए।
2019 में दिसंबर में बेमौसम बारिश से किसानों के अरमान धुल गए थे। उनका खेत व खलिहान में रखा अनाज भीगकर नष्ट हो गया। किसानों को क्षतिपूर्ति तक नहीं मिली। इस बार भी मौसम किसानों को डरा रहा है। इससे अन्नदाता मुश्किल में हैं। कैसा रहेगा मौसम का हाल
कृषि विशेषज्ञ अतुल कुमार सिंह ने बताया कि 30 दिसंबर को मौसम साफ होने के बाद तापमान में तेजी से गिरावट आएगी। इसके बाद गलन और ठंड बढ़ने के आसार हैं। बताया कि आसमान में बादल छाए रहने की वजह से कोहरे का प्रकोप कुछ कम रहेगा।