अब मां करेंगी काम, बुजुर्ग संभालेंगी बच्चे
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी(मनरेगा) योजना में महिला मजदूरों की भागीदारी बढ़ाने के लिए शासन ने नई पहल की है। अब योजना के तहत जाब कार्डधारी महिलाएं काम करेंगी और उनके बच्चों को मनरेगा में पंजीकृत बुजुर्ग महिला संभालेंगी। बुजुर्ग महिला मजदूर को खांची फावड़ा नहीं करना होगा। उन्हें इसके लिए पूरी मजदूरी मिलेगी।
जासं, चकिया(चंदौली): महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी(मनरेगा) योजना में महिला मजदूरों की भागीदारी बढ़ाने के लिए शासन ने नई पहल की है। अब योजना के तहत जाब कार्डधारी महिलाएं काम करेंगी और उनके बच्चों को मनरेगा में पंजीकृत बुजुर्ग महिला संभालेंगी। बुजुर्ग महिला मजदूर को खांची फावड़ा नहीं करना होगा। उन्हें इसके लिए पूरी मजदूरी मिलेगी।
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- 33 फीसद महिला मजदूरों की जरूरत
विभाग के मुताबिक, योजना में 33 फीसद महिला मजदूरों की जरूरत है। वर्तमान में 25 फीसद से भी कम महिला जॉब कार्डधारी हैं। महिला मजदूरों की मनरेगा में हिस्सेदारी बढ़ाने को लगातार प्रयास हो रहा है। महिला मजदूरों को सहूलियतें दी जा रहीं। बावजूद इसके निराशाजनक प्रगति की ²ष्टिगत शासन ने यह कदम उठाया है।
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-बच्चे महिलाओं के काम में बाधक
महिला मजदूरों की भागीदारी में बच्चे बाधक हैं। बच्चों की देखभाल के कारण महिलाएं काम नहीं कर पाती। मनरेगा में महिलाओं के काम करने में आ रही इस बाधा को दूर करने का शासन ने हल निकाल लिया है। अब जहां काम हो रहा होगा, वहां बच्चों की देखभाल का भी प्रबंध किया जाएगा।
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बच्चों को संभालेंगी बुजुर्ग महिला
सबसे उम्रदराज महिला मजदूर को बच्चों की जिम्मेदारी दी जाएगी। वह साइट पर ही मजदूरों के बच्चों की देखरेख करेंगी। इससे महिला मजदूरों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।
वर्जन..
मनरेगा में महिला मजदूरों की भागीदारी बढ़ाने को शासन संजीदा है। बुजुर्ग महिला मजदूरों को बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी देने का निर्देश है। इसकी एवज में उन्हें भी योजना से मजदूरी का भुगतान किया जाएगा।
- सरिता ¨सह, खंड विकास अधिकारी।