अब खाद वितरण की होगी ऑनलाइन निगरानी
सहकारी समितियों का जिले में बुरा हाल है अन्नदाता खाद के लिए परेशान रहते हैं। ऐसे में उनकी निगरानी के लिए व्यवस्था को ऑनलाइन किया जा रहा है। पीओएस मशीन से खाद का वितरण तो होगा ही साथ ही जियो टैगिग भी कराई जाएगी। हर दिन खाद वितरण का डाटा ऑनलाइन भेजा जाएगा। इससे सहकारी समितियों में प्रतिदिन खाद की खरीद की असल स्थिति पता लग सकेगी।
जासं, चकिया (चंदौली) : सहकारी समितियों का जिले में हाल बेहाल है। अन्नदाता खाद के लिए परेशान रहते हैं। ऐसे में उनकी निगरानी के लिए व्यवस्था को ऑनलाइन किया जा रहा है। पीओएस मशीन से खाद का वितरण तो होगा ही साथ ही जियो टैगिग भी कराई जाएगी। हर दिन खाद वितरण का डाटा ऑनलाइन भेजा जाएगा। इससे सहकारी समितियों में प्रतिदिन खाद की खरीद की असल स्थिति पता लग सकेगी।
दरअसल, समितियों में खाद का टोटा नहीं रहता है। फिर भी खाद के लिए अन्नदाताओं की परेशानी व कालाबाजारी की शिकायतें शासन, प्रशासन को मिलती हैं। शिकायतों के ²ष्टिगत व्यवस्था में सख्ती लाने को शासन ने ऐसा कदम उठाया है। वहीं, धान की मड़ाई के साथ रबी सीजन को लेकर खेत की बोआई चल रही है। दशा यह कि किसानों को खाद के लिए भटकना पड़ रहा। समितियों पर शिकंजा कसने के लिए पीओएस मशीन की व्यवस्था तो है लेकिन जिम्मेदार अफसरों के सख्ती नहीं बरतने के कारण मनमानी अभी भी हो रही है। हालांकि शासन स्तर से इसमें सुधार की कवायद की गई है। जियो टैगिग से खाद एक निश्चित दायरे में बांटी जा सकेगी। इससे समिति में आने वाली खाद के वितरण में खेल नहीं होगा। कालाबाजारी रुकने व व्यवस्था में सख्ती से अन्नदाताओं को मुश्किलें नहीं उठानी होंगी। विभाग के मुताबिक, यह व्यवस्था बीते साल से शुरू की गई लेकिन, अमल अब कराया जा रहा है। खाद लेने को अन्नदाताओं को आधार नंबर फीड कराना होगा। खतौनी और रकबे के हिसाब से खाद दी जाएगी।
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इनसेट..
इनकी भी होगी जीयो टैगिग
बीज, कीट व कृषि यंत्र की भी जियो टैगिग होगी। इससे यह पता लग जाएगी कि इनका उपयोग हो रहा है या नहीं। वहीं कृषि यंत्र फार्म मशीनरी बैंक में भी जाएंगे। इनकी भी निगरानी हो सकेगी।
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वर्जन..
समितियों पर पीओएस मशीन से खाद वितरण किया जा रहा है। नजर रखने के लिए ऑनलाइन मानीटरिग की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इससे खाद वितरण में पारदर्शिता आएगी।
अनूप श्रीवास्तव, जिला खाद व विपणन अधिकारी