अब सरकारी ग्रांट से चमकेंगे सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय
जितेंद्र उपाध्याय चंदौली सरकारी ग्रांट से अब सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय भी चमकेंगे। शासन
जितेंद्र उपाध्याय , चंदौली
सरकारी ग्रांट से अब सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय भी चमकेंगे। शासन ने इन स्कूलों की मरम्मत व रंग-रोगन की चिता की है। प्रदेश के ऐसे सभी स्कूलों को यह लाभ मिलेगा। दरअसल, सहायता प्राप्त विद्यालयों की स्थिति जीर्ण-शीर्ण हो चुकी है। मरम्मत के अभाव में भवन व कक्षों की स्थिति बदहाल है। ऐसे में हर वक्त हादसे की आशंका बनी रहती है। शासन स्तर से अब तक इन विद्यालयों की सुधि नहीं ली जाती थी। प्रबंधन ही विद्यालयों का रखरखाव करता रहा है। प्रदेश सरकार ने पहली बार ऐसे स्कूलों की मरम्मत के लिए बजट जारी करने निर्णय लिया है। वीडियो कांफ्रेंसिग के दौरान निदेशक के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने विद्यालयों की रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है।
जिले में सरकारी सहायता प्राप्त 34 माध्यमिक विद्यालय हैं। विद्यालय प्रबंधन ही इनके रखरखाव की जिम्मेदारी संभालता है। हालांकि अभी तक सरकार की ओर से ऐसे विद्यालयों को कोई वित्तीय मदद नहीं मिलती है। केवल यहां कार्यरत शिक्षक, शिक्षणेतर कर्मचारियों का वेतन सरकार देती थी। प्रबंध तंत्र के ध्यान न देने के कारण ऐसे विद्यालयों के भवन जर्जर हाल में पहुंच गए हैं। कई कक्षों की स्थिति काफी खराब हो चुकी है। दशकों से इनकी मरम्मत नहीं कराई गई। ऐसे में विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों व शिक्षकों पर हमेशा खतरा मंडरा रहता है। सरकार ने ऐसे सहायता प्राप्त विद्यालयों की मदद का फैसला लिया है। दो दिन पूर्व शिक्षा निदेशक ने वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से जिले के अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने मरम्मत और रंग-रोगन के लिए सरकार से आर्थिक मदद का निर्णय सुनाया। वहीं अफसरों से जिले ऐसे विद्यालयों की रिपोर्ट बनाकर भेजने का निर्देश दिया। पहल से शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
सहायता प्राप्त विद्यालयों में सैकड़ों छात्रों का पंजीकरण है। हालांकि संसाधनों के अभाव व भवन अच्छा न होने की वजह से पठन-पाठन में दिक्कत होती है। जर्जर भवनों में छात्रों व शिक्षकों पर खतरा भी मंडराता रहता है। सरकार की पहल से सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों का कायाकल्प होगा। वहीं पठन-पाठन भी सुचारू होगा। डीआइओएस करेंगे देखरेख
सरकारी बजट से होने वाले कार्यों की देखरेख डीआइओएस करेंगे। किस विद्यालय में कितना धन खर्च हुआ, उसके मद में कितना बचा है, क्या-क्या कार्य हुए हैं। इसका पूरा ब्योरा उन्हें रखना होगा। शासन का सख्त निर्देश है कि विद्यालय प्रबंधन अपने मर्जी से कोई कार्य न नहीं करा पाएगा। वर्जन-------
'सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों के कायाकल्प के लिए सरकार आर्थिक मदद देगी। जिले में ऐसे 34 विद्यालय चिन्हित किए गए हैं। जल्द ही इनकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। विद्यालयों की मरम्मत से शिक्षा में सहूलियत होगी।
डाक्टर विनोद राय, डीआइओएस