थानों में नहीं महिला शौचालय, अधिकारी बेपरवाह
महिला सुरक्षा हितों सुविधाओं को लेकर पुलिस भले ही गंभीर होने
जागरण संवाददाता, चंदौली : महिला सुरक्षा, हितों, सुविधाओं को लेकर पुलिस भले ही गंभीर होने का दावा करे पर अपने मातहतों, फरियादियों की सुविधाओं को लेकर जरा भी गंभीर नहीं है। हर थानों में महिला सिपाही, होमगार्ड तैनात हैं, फरियादी आते हैं पर उनके लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसी स्थिति में उन्हें ड्यूटी छोड़कर या तो परिसर में बने अपने आवास, कस्बे या थाने की महिला बैरक में जाना पड़ता है।
जिले में महिला थाना के अलावा 15 थाने हैं। इनमें मुगलसराय, चंदौली, सैयदराजा थाने में महिलाओं के लिए अलग से शौचालय बने हैं। जबकि अन्य थानों में कहीं ऐसी व्यवस्था नहीं है। जिला मुख्यालय की कोतवाली में महिलाओं के लिए दो शौचालय हैं पर दोनों में एक का गेट टूटा और एक गदंगी से पटा है। इससे वे उपयोग योग्य नहीं है। इससे यहां तैनात महिला पुलिस कर्मियों व फरियादियों को परेशानी उठानी पड़ती है। पीडीडीयू नगर और सैयदराजा की स्थिति ठीक है। अलीनगर थाने से सटा महिला थाना है इसलिए यहां आने वाली महिला फरियादी बगल के थाना परिसर में बने शौचालय का उपयोग करती हैं। पुरुष थाने में इसके लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। चकिया, नौगढ़ चकरघट्टा, शहाबगंज, इलिया थाने में शौचालय नहीं बना है। धीना, बलुआ, धानापुर, कंदवा, सकलडीहा थानों की भी यही स्थिति है। जबकि हर थाने में आठ से दस महिला पुलिस कर्मी तैनात हैं। हेल्प डेस्क पर आठ से दस फरियादी हर रोज आती हैं। इसके बाद भी इनकी सुविधाओं के बारे में महकमे का न सोचना समझ से परे है। महिला शौचालय को लेकर सैयदराजा थाने में फरियादियों ने कई बार की तो एक साल पहले परिसर में अलग से शौचालय बनाया गया। आश्चर्य यह कि हर थानों का अधिकारी बराबर निरीक्षण कर रहे हैं, वहां की सुविधाएं भी देखते हैं लेकिन महिला शौचालय को लेकर कोई अधिकारी गंभीर नहीं है।
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वर्जन
कई थाना परिसर में महिला शौचालय बने हैं। जहां नहीं है वहां स्थान चयन किया जा रहा है। जल्द ही अन्य थानों में शौचालय बनाए जाएंगे।
प्रेमचंद, अपर पुलिस अधीक्षक