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बिजली आपूर्ति में सुधार नहीं, मुश्किल में उपभोक्ता

जागरण संवाददाता चकिया (चंदौली) तहसील क्षेत्र में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। ज

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Jul 2021 10:04 PM (IST)Updated: Mon, 12 Jul 2021 10:04 PM (IST)
बिजली आपूर्ति में सुधार नहीं, मुश्किल में उपभोक्ता
बिजली आपूर्ति में सुधार नहीं, मुश्किल में उपभोक्ता

जागरण संवाददाता, चकिया (चंदौली) : तहसील क्षेत्र में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। जर्जर तार, लटके खंभों के चल रही आपूर्ति मौसम की तनिक सी मार नहीं झेल पाती। एक दिन बिजली खराब हुई तो दो से तीन दिन बिजली का इंतजार करना पड़ता है। तेज हवा व लोकल फाल्ट से आपूर्ति अक्सर बाधित रहती है। इसके चलते उपभोक्ताओं को रोस्टर के मुताबिक बिजली नहीं मिल पा रही है। शिकायत के बाद भी अभियंता आपूर्ति सुनिश्चित कराने को लेकर गंभीर नहीं हैं।

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ग्रामीणों क्षेत्रों में निर्धारित 18 घंटे की आपूर्ति में आठ- दस घंटे बिजली सुचारु ढंग से मिलना मुश्किल हो गया है। कटौती के अलावा आपूर्ति के दौरान बार-बार ट्रिपिग होती रहती है। उमस में रोस्टर को दरकिनार कर दिए जाने से जनता त्राहि-त्राहि कर रही है, लेकिन विभाग के आला अधिकारी समेत सत्ताधारी दल के नेता भी बिजली की समस्या से अनजान बने हैं। इससे लोगों को मुश्किल हो रही है। उतरौत, मूसाखाड़ व सिकंदरपुर फीडर की आपूर्ति का हाल खस्ताहाल है। रात्रि ढलने के साथ बिजली कब गुल हो जाएगी कोई निश्चित नहीं है।

कटौती से अन्नदाता खासे परेशान

मध्य रात्रि में आपूर्ति यदि शुरू भी हो गई तो तड़के भी कट जाती है। इसके चलते घरेलू कनेक्शनधारियों का नित्य क्रिया प्रभावित होती है तो कामर्शियल कनेक्शन लिए लोग परेशान हो जाते हैं। अन्नदाताओं को भी परेशानी उठानी पड़ती है। सिचाई आदि कार्य नहीं हो पाते हैं। शहाबगंज, इलिया व नौगढ़ में भी रोस्टर के मुताबिक आपूर्ति नहीं होती है। इलिया कस्बे में जर्जर व ढीले तारों से हो रहे शार्ट-सर्किट से रात्रि में फुलझड़ियां चलने जैसा का नजारा अक्सर देखने को मिलता है। किसी दिन शार्ट-सर्किट से तार कट कर नीचे गिरा तो घनी आबादी वाले कस्बे में बड़ा हादसा होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।

मैन पावर की कमी बढ़ा रही मुश्किलें

बिजली महंगी होने से उपभोक्ताओं के माथे पर बल पड़ा है। विभाग में मैन पावर की कमी लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही है। एक अवर अभियंता को तीन-चार उपकेंद्रों की जिम्मेदारी है। डिविजन में लाइन व पेट्रोलिग मैनों की संख्या सीमित है। एसएसओ के दर्जनों पद खाली हैं। आपूर्ति प्राइवेट लोगों के भरोसे है। ऐसे में फाल्ट आ जाने पर प्राइवेट लाइनमैनों से मरम्मत करानी पड़ती है। बिल सहित अन्य समस्याओं के समाधान को अवर अभियंता बमुश्किल मिल पाते हैं। उपभोक्ताओं ने बिजली आपूर्ति की व्यवस्था सुचारु कराने की जिला प्रशासन से मांग की है।


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